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आलम की रिहाई पर जम्मू एवं कश्मीर भेजेगी विस्तृत रिपोर्ट

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जम्मू | अलगाववादी नेता मसरत आलम की विवादास्पद रिहाई पर जम्मू एवं कश्मीर सरकार बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आलम की रिहाई पर राज्य गृह विभाग द्वारा पहले भेजी गई रिपोर्ट पर असंतुष्टि जताई है।

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया, “मसरत आलम की रिहाई के सभी पहलुओं के साथ अब एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। यह आज (बुधवार को) गृह मंत्रालय भेजी जा रही है।” सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आलम की रिहाई पर अदालत के निर्देशों, उसके खिलाफ लंबित मामलों और उनकी वर्तमान स्थिति जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था। इसके अलावा इसने राज्य सरकार से पूछा था कि किन कारणों से राज्य सरकार एक अलगाववादी को जेल में कैद रखने से बच रही है। आलम की रिहाई में मुख्य भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने राज्य गृह विभाग और पुलिस प्रमुख दोनों को निर्देश दिया है कि वे बुधवार को केंद्र को विस्तृत रिपोर्ट भेजें।

राज्य गृहविभाग करीबी सूत्रों के मुताबिक, राज्य में वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी गठबंधन सरकार बनने से कई दिनों पहले ही मसरत की रिहाई का आदेश दिया जा चुका था। ये आदेश मसरत की कैद पर एक शीर्ष अदालत के निर्देशों के आधार पर दिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक, “उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक, एक ही व्यक्ति को एक अपराध के लिए एक से अधिक बार बार सजा नहीं दी जा सकती। उच्चतम न्यायालय के फैसले भी रिपोर्ट में दिए गए हैं, जो आलम की रिहाई का आधार बने थे।”

आलम के खिलाफ लंबित मामलों के बारे में रिपोर्ट में बताया गया कि आलम पर विभिन्न अदालतों में ऐसे 15 मुकदमें चल रहे हैं। उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत प्राथिमिकी भी दर्ज की गई है। गृह सचिव सुरेश कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य सरकार द्वारा अब कोई आतंकवादी या अलगाववादी रिहा नहीं किया जाएगा। उन्होंने निकट भविष्य में रिहा करने वाले लोगों की सूची की बात को भी खारिज किया।

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सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी के जरिए पति-पत्नी ने ठगे 25 लाख रुपए, लड़की बनकर करते थे बात

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हरियाणा। हरियाणा के यमुनानगर में फर्जी आईडी के जरिए ठगी का मामला सामने आया है। कॉल सेंटर में काम करने वाली एक महिला और उसके पति ने फर्जी आईडी बनाकर एक युवक से 25 लाख रुपए की ठगी कर ली। हालांकि यह सिलसिला अभी और चलता लेकिन शक होते ही पीड़ित युवक ने साइबर थाने में केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है. दंपती लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी बनाकर कई लोगों को चपत लगा चुके हैं. फिलहाल पुलिस ने दंपती को कोर्ट से तीन दिन की डिमांड पर लिया है. पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं.

विगो एप पर बनाई थी फर्जी आईडी

आरोपी पति-पत्नी ने विगो एप पर कई फर्जी आईडी बना रखी थीं, जिसमें एक आईडी शिवानी के नाम पर और उसकी प्रोफाइल के अनुसार वह गूगल में काम करती थी और यूएसए कैलिफोर्निया में रहती थी। वहीं दूसरी आईडी रेड क्वीन के नाम से थी, तीसरी आईडी जिया के नाम पर और इन आईडी को दोनों ही पति-पत्नी चला रहे थे। पत्नी परमिंदर कौर दिल्ली के एक कॉल सेंटर पर पहले काम करती थी और गुरप्रीत से शादी होने के बाद वह यमुनानगर में आ गई। यहां आने पर दोनों पति-पत्नी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहे थे।

यमुनानगर की साइबर पुलिस की गिरफ्त में आए पति-पत्नी दोनों ही फर्जी आईडी बनाकर कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुके हैं। हालांकि, बिहार के एक युवक ने 25 लाख लुटाने के बाद इनकी शिकायत की और पति-पत्नी का धंधा चौपट हो गया।

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