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ऑफ़बीट

जिन अंधविश्वासों को आप लम्पट मानते हैं, सच्चाई जानकार आप भी उन्हें मानने लगेंगे

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नई दिल्ली। आप घर से निकलते हैं, पीछे से कोई छींक देता है। आपकी मां आपको 2 मिनट रुककर जाने के लिए कहती है। आप चलते हैं, थोड़ी दूर पर बिल्ली रास्ता काट देती है या सड़क पार करती है। इतने में ही फर्राटा भरती गाड़ियाँ रुक जाती हैं।

आपको ये सारी बातें फालतू लगती हैं, ढकोसला लगती हैं। लेकिन सामाजिक दबाव के चलते आप इन्हें मानते, तो कभी नकार देते हैं। लेकिन इन सब मान्यताओं या अंधविश्वासों के पीछे भी एक कहानी है। जिसे जानने के बाद आप भी इन्हें मानने लगेंगे। क्या हैं ये कहानियां?

रात को नाखून काटना

कहा जाता है कि रात को नाखून नहीं काटने चाहिए। ये मान्यता पुराने ज़माने से चली आ रही है। लेकिन आज शायद ही कोई इसे मानता होगा। सवाल ये है कि ये मान्यता कैसे पड़ी? पुराने जमाने में रात को बिजली नहीं होती थी और ना पुराने जमाने में नेलकटर होते थे। इसलिए रात में अंधेरे में लोग ब्लेड या चाकू से नाखून काटने के दौरान होने वाले हादसे से बचने के लिए ऐसा कहा करते थे जो सही भी है। आज भी रात की एलईडी लाइट की इतनी अधिक रोशनी नहीं होती है कि आपको ब्लेड से नाखून काटने के दौरान बचा सके।

घर में रात को झाड़ू लगाना

कई बार अपने सुना होगा कि रात को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि रात को झाड़ू लगाने से लक्ष्मी चली जाती है। ऐसी मान्यता इसलिए पड़ी थी क्योंकि पुराने जमाने में रात को बिजली नहीं होती थी। ऐसे में रात में अंधेरे में झाड़ू लगाने से नीचे गिरे हुए पैसों का बाहर निकल जाने का डर था। जिसके कारण से पहले रात में झाड़ू लगाने से मना किया जाता था।

दरवाजे पर नीबू मिर्च टांगना

हर घर, दुकान, बड़े-बड़े शोरूम्‍स में आपको नीबू और मिर्च की एक माला टंगी दिख जाएगी। लोगों को मानना है कि यह माला घर और दुकान या जिस जगह पर भी टंगी रहती है उसको बुरी नज़र से बचाता है। इस मान्यता का वैज्ञानिक कारण है कि नींबू में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आसपास के वातावरण को कीटाणु मुक्त बनाते हैं। जब नींबू और मिर्च को सूई से छेद कर आपस में जोड़ा जाता है तो नींबू और मिर्च की हल्की-हल्की खुशबू से कीटाणु और मक्खी-मच्छर जमा नहीं होते हैं।

एग्‍जाम से पहले दही शक्‍कर खिलाने का रिवाज

माना जाता है कि एक्ज़ाम से पहले दही-शक्कर खाकर निकलने से एक्जाम अच्छा जाता है। हर किसी की मम्मी भी बिना दली-शक्कर खाए एक्जाम जाने नहीं देती है। अक्सर एक्जाम गर्मियों में पड़ते है। तो वातावरण का तापमान और एक्जाम की नर्वसनेस से बॉडी प्रेशर में आ जाती है जिससे बीपी के हाई और लो होने का खतरा रहता है। बीपी की इसी समस्या और बाहर के तापमान से शरीर का सुंतलन बनाए रखने के लिए दही-शक्कर खिलाया जाता है।

शगुन में एक रुपया देना

भारत में लोग रुपया देकर लोगों को सम्‍मान देते हैं। ऐसे में एक का सिक्‍का भी देना जरूरी माना जाता है। किसी भी शुभ मौके में अगर किसी तरह का कोई राशि दी जाती है तो उसके साथ एक रुपया जरूर दिया जाता है। दरअसल एक से गिनती शुरू होती है। ऐसे में एक रुपया देने का मतलब है कि आपके पास पैसे आने शुरू गए हैं और अब पैसे आने लगेंगे।

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IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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