प्रादेशिक
सिगरेट के फिल्टर से लड़को ने कमाए 40 लाख, आप भी बन सकते हैं लखपति
लोग सिगरेट का इस्तेमाल नशे के लिए करते हैं। जिसके लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इस्तेमाल किए जा चुके सिगरेट से भी पैसे कमाए जा सकते हैं? अगर नहीं सुना तो हम बताते हैं। दिल्ली से सटे नोएडा में इन्हीं फिल्टर का इस्तेमाल कर सामान बनाने वाले युवाओं ने दो कंपनी खड़ी कर दी है। जिसका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये है।
दो युवाओं ने 2016 में कोड एंटर प्राइसेज एलएलपी नाम की एक कंपनी खड़ी की। जिसमें उन्होंने सिगरेट के बचे हुए फिल्टर से तकिए, सोफे के कुशन व चाबी के तरह-तरह के छल्ले तैयार किए।
इतना ही नहीं, इन्होंने अपने इस अनूठे प्रयोग को एक बड़े कारोबार में तब्दील कर दिया और पिछले वित्तीय वर्ष में 40 लाख रुपये का टर्न ओवर हासिल किया। वहीं दोनों युवाओ का आने वाले समय में सिगरेट के फिल्टर को एयर प्यूरीफायर, चिमनी आदि में भी इस्तेमाल करने प्लान है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सेक्टर-132 में स्थित कंपनी में सड़कों पर पड़े सिगरेट के फैंके जाने वाले फिल्टर को चुनने से लेकर उन्हें कंपनी में पहुंचाने और उनसे सामान बनाने में करीब 5 हजार लोग जुड़े हुए हैं।
IANS News
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।
विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।
अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।
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