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प्रादेशिक

मुस्लिम महिला ने बंदर के नाम की सारी संपत्ति, मरने के बाद कराया मंदिर का निर्माण

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रोज हम अखबारों या समाचार चैनलों में अजीबोगरीब चीजें पढ़ते या सुनते है। इन खबरों को पढ़कर पहली बार में यकीन कर पाना बेहद मुश्किल होता है। आज हम ऐसे खबर बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह जानवरों के प्रति अनूठे प्यार की दिलचस्प कहानी है! यह कहानी एक मुस्लिम महिला और उसके पालतू बंदर की है।

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साभार इंटरनेट

महिला को बंदर से इतना लगाव था कि उसने अपनी सारी संपत्ति बंदर के नाम कर दी। पिछले साल जब उसकी मौत हुई, तो अपने घर में उसका मंदिर भी बनवा दिया। इसी मंगलवार को मंदिर में राम-लक्षण और सीता के साथ बंदर की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर भंडारा भी कराया गया। महिला को बंदर से प्यार इतना था कि उन्होंने अपने घर का भी नाम बंदर के नाम पर ‘चुनमुन’ रख डाला

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साभार इंटरनेट

रायबरेली की सबिस्ता बृजेश के घर में मंगलवार को उनके चहेते बंदर चुनमुन की मूर्ति स्थापित कर दी गई। आपको बता दें कि सबिस्ता को यह बंदर करीब 13 साल पहले मिला था।

सबिस्ता चुनमुन को अपनी लाइफ में सबसे लकी मानती हैं। उनका कहना है कि चुनमुन के आने से उनकी किस्मत चमक गई। सबिस्ता मुस्लिम हैं, बावजूद इसके उन्होंने अपने घर में मंदिर बनवाया। उन्होंने 1998 में ब्रजेश श्रीवास्तव से लव मैरिज की थी। दोनों की कोई संतान नहीं है।

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साभार इंटरनेट

सबिस्ता कहती हैं कि शादी के बाद समाज ने उनका जीना मुहाल कर दिया था। कामकाज भी ठीक से नहीं चल रहा था। लेकिन जैसे ही उनके बीच चुनमुन आया उनकी किस्मत बदल गई।

साबिस्ता ने बंदर की अच्छे से देखभाल की। आपको बता दें कि घर में बंदर के लिए 3 स्पेशल कमरे थे जिनमें एसी और हीटर की व्यवस्था भी थी। सबिस्ता ने बंदर की शादी भी कराई थी।

सबिस्ता बंदर को अपने बेटे की तरह मानती थीं। उन्होंने चुनमुन के नाम से एक संस्था भी बनाई है और पूरी समप्त्ति उसके नाम कर दी। साबिस्ता चुनमुन की शादी की सालगिरह भी धूमधाम से मनाती हैं इस दिन भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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