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साख पर पुती कोयले की कालिख

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कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल के बाहर आ गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बतौर आरोपी समन जारी कर पेश होने को आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह केस पूर्व पीएम से नहीं बल्कि तत्कालीन कोयला मंत्री से जुड़ा हुआ है। घोटाले के दौरान कोयला मंत्रालय की जिम्मेदारी मनमोहन के ही पास थी।

मामले में मनमोहन पर उंगलियां तभी उठने लगी थीं जब सीबीआई ने उनसे पूछताछ किए बगैर ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। हालांकि कोर्ट ने यह क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी। विशेष अदालत के जोर देने पर ही पहले मनमोहन से जनवरी में पूछताछ हुई और अब उन्हें आरोपी बनाया गया है। मामले में आपराधिक साजिश, अमानत में खयानत और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत धाराएं लगाई गई हैं और जिसमें उम्रकैद तक की सजा मुमकिन है।

ये घटना कई मायनों में बेहद अहम है। पूरे घोटाले में पूर्व पीएम की साख दांव पर लगी है। देश में इससे पहले क्रिमिनल केस में केवल एक बार ही किसी पूर्व पीएम को समन जारी किया गया है। वह पीएम नरसिंह राव थे। उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा रिश्वत कांड समेत 3 मामलों में आरोपित बनाते हुए चार्जशाट दाखिल की गई थी। राव से तब विज्ञान भवन में पूछताछ हुई थी। हालांकि बाद में वह इन आरोपों से बरी हो गए थे। हो सकता है मनमोहन भी इन आरोपों से बचकर बिल्कुल बेदाग साबित हों लेकिन इन हालात के लिए उनकी चुप्पी जिम्मेदार है। उन पर कठपुतली या रिमोट कंट्रोल पीएम होने के आरोप पहले भी पुरजोर तरीके से लगते रहे हैं। उनकी ईमानदारी पर संदेह नहीं किया गया लेकिन हमेशा यह कहा गया कि उन्होंने अपने आसपास हो रही गतिविधियों पर आंखें मूंदे रखीं। वर्तमान हालात की वजह भी उनकी यही निष्क्रियता है।

जिस कोयला ब्लॉक के आवंटन को लेकर यह सारा विवाद है उसे आखिरी समय में सरकारी क्षेत्र की कंपनी से छीनकर उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली कंपनी हिंडाल्को के हवाले कर दिया गया था। आखिरी समय में मनमोहन के आदेश पर हुआ यह निर्णय उनपर घोटाले की छींटे डालने के लिए काफी है। मनमोहन अपनी सफाई में यह कह सकते हैं कि एक पीएम या मंत्री किसी हालात के लिए पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हो सकता। वह काम के लिए काफी हद अपने मंत्रालय और सहायकों पर निर्भर करता है और ये भी संभव है कि घोटाले से मनमोहन पूरी तरह अनजान हों। लेकिन ये सभी तर्क उन्हें बेदाग साबित नहीं कर सकते। नैतिकता के नाते भी अपनी सरकार के कार्यकाल में हुए सभी क्रियाकलापों का बोझ मनमोहन को उठाना ही पड़ेगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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