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येदियुरप्पा शपथ ग्रहण पर कई दलों ने चलाए शब्दों के बाण
कर्नाटक विधानसभा नतीजे आने के बाद कांग्रेस, जेडी-एस व बसपा गठबंधन के पास बहुमत होने के बावजूद बहुमत से दूर भाजपा के येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलाया जाने से देश की कई पार्टिया व बड़े नेता नाराज़ है। इन सभी ने मोदी, भाजपा, अमित शाह, आरएसएस, येदियुरप्पा व कर्नाटक के राज्यपाल पर अपने तरकश से निकाल तीर चलाए।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा को लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी करार दिया तो नाराज़ कांग्रेस पार्टी ने बी. एस. येदियुरप्पाजी के शपथ ग्रहण समारोह को यह लोकतांत्रिक मूल्यों, न्यायिक फैसलों और स्थापित उदाहरणों को धूमिल करती एक बदसूरत तस्वीर बताया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने तो यहां तक कहा, एक ‘आरएसएस राज्यपाल’ से और क्या उम्मीद कर सकते हैं।
बसपा प्रमुख की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा कि इस प्रकरण से यह बात भी पूरे साफतौर से स्पष्ट हो जाती है कि भाजपा व इनका मार्गदर्शक संगठन आरएसएस न तो अपने देश के भारतीय संविधान में और न ही इसमें निहित लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा, “ऐसे हालात में हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से विशेष आग्रह करती है कि वह अपने देश के संविधान को व इसमें निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाए।”
मायावती ने भाजपा को लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि भाजपा व इनके खास संगठन आरएसएस द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बनाए गए संविधान को कमजोर करने व इसे खत्म करने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है।
मायावती ने कहा कि देश की आमजनता को पूरा भरोसा है कि न्याय की जीत जरूर होगी और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक के बाद एक लगातार की जा रही लोकतंत्र की हत्या पर विराम लगेगा। उन्होंने कहा, बहुमत से दूर भाजपा के येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलाया जाना अतिनिंदनीय है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अगर सोचते हैं कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होकर अपने काले कारनामों को छिपाने में कामयाब हो गए, तो यह उनकी बड़ी भूल है। इन्होंने अपने कृत्यों से देश के पवित्र संविधान व स्थापित लोकतांत्रिक व्यवस्था को आघात पहुंचाने का जो पाप किया है, वह कभी भी माफ नहीं किया जा सकता और जनता भी इसका संज्ञान लिए बिना नहीं रहने वाली है।
मायावती ने कांग्रेस को सलाह दी है कि भविष्य में वह किसी भी चुनाव में अपनी चुनावी जनसभाओं में ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करे, जिससे उल्टे भाजपा-आरएसएस को ही फायदा पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने अपने भाषणों में खासकर मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में जेडी-एस को भाजपा की ‘बी’ टीम बताकर इनके वोटों को और बांट दिया, जिसकी वजह से ऐसे क्षेत्रों में भी अधिकांश भाजपा उम्मीदवार कामयाब हो गए। मायावती ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा नहीं किया होता, तो इस चुनाव में भाजपा विधायकों की संख्या 104 भी नहीं हो पाती।
राज्यपाल ने मोदी के लिए संविधान का बलिदान किया : रणदीप सिंह सुरजेवाला
कांग्रेस ने गुरुवार को कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला पर ‘दिन-दहाड़े लोकतंत्र की हत्या करने’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए लोकतंत्र व संविधान का बलिदान करने का आरोप लगाया। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उसे पूर्ण विश्वास है तो वह शुक्रवार तक कर्नाटक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करे।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कांग्रेस और जनता दल सेकुलर द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने के बावजूद भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित करने पर राज्यपाल पर निशाना साधा।
सुरजेवाला ने कहा, “यह बी. एस. येदियुरप्पाजी का शपथ ग्रहण समारोह नहीं था, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों, न्यायिक फैसलों और स्थापित उदाहरणों को धूमिल करती एक बदसूरत तस्वीर थी।”
कांग्रेस नेता ने कहा जब राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने संविधान का पहला एनकाउंटर किया। उन्होंने कहा, “आज (गुरुवार को) जब इस प्रक्रिया में वजुभाई वाला ने बी.एस. येदियुरप्पा को शपथ दिलाई, तो उन्होंने दूसरी बार संविधान का एनकाउंटर किया, संविधान और लोकतंत्र की हत्या की।”
येदियुरप्पा को ‘एक दिन का मुख्यमंत्री’ बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि उनकी स्थिति कांग्रेस और जेडी-एस द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका की शुक्रवार को सुनवाई के नतीजों पर निर्भर करेगी।
सुरजेवाला ने कहा, “इससे पहले वजुभाई वाला ने मोदी के पक्ष में गुजरात विधानसभा की सीट का बलिदान किया था और गुरुवार सुबह उन्होंने मोदीजी के लिए संविधान और लोकतंत्र का बलिदान कर दिया।”
देश की राजनीति के लिए खतरनाक : अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को यहां एक बयान में कहा, “आप एक आरएसएस राज्यपाल से और क्या उम्मीद कर सकते हैं?” मुख्यमंत्री ने ‘कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा बेशर्मी के साथ बिना बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देकर भारत के लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने पर’ चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जिस तरह से राज्यपाल ने विपक्ष को तोड़ने और खरीद-फरोख्त करने के लिए समय दिया है, वह आश्चर्यजनक है।”
15 मई को कर्नाटक चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद के घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अमरिंदर ने कहा, “जो कुछ हो रहा है वह न केवल दुखद है बल्कि देश की राजनीति के लिए काफी खतरनाक है।”
उन्होंने यहां मीडिया से कहा, “हम नहीं चाहते हैं कि भारत दूसरा पाकिस्तान बने, जहां तानाशाहों और सेना द्वारा प्रत्येक कदम पर लोकतंत्र को कुचला जाता है।” उन्होंने यहां मीडिया से कहा, “इसलिए लोग अब संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय की ओर देख रहे हैं।”
संविधान व लोकतंत्र खतरे में, नियम-कानून की उड़ रही हैं धज्जियां : रघुवंश
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राजद उपाध्यक्ष ने कर्नाटक में बहुमत न होने के बावजूद भाजपा नेता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने पर कहा कि भाजपा संविधान, लोकतंत्र और नियम कानून की धज्जियां उड़ा रही है। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली है।
पटना में रघुवंश प्रसाद सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यपाल ने बहुमत का अनादर किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए पूरे विपक्ष को एकसाथ आना होगा।
सिंह ने पिछले साल की याद कराते हुए कहा कि बिहार में राजद सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन उसे सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया और बहुमत वाली पार्टियों के गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दे दिया गया और कहा गया कि गठबंधन के सदस्यों का संख्या बल बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि आज इसके ठीक उलट कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) के गठबंधन के पास बहुमत से ज्यादा विधायक होने के बावजूद इन्हें सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया गया। (इनपुट आईएएनएस)
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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