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वेटिंग कन्‍फर्म न होने वाले यात्रियों को रेलवे ने दी सौगात, अब ऐसे कर सकेंगे सफर

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नई दिल्ली। टिकट कन्फर्म होने का इंतजार करने वाले लोगों के लिए रेलवे खास स्कीम लेकर आया है। दरअसल, ट्रेन के टिकट बुक कराते वक्त अगर किसी वजह से यात्री का टिकट वेटिंग लिस्ट में है तो रेलवे ऐसे यात्री को एक ऑप्शन देगा। इस ऑप्शन की सहायता से यात्री बिना टिकट कन्फर्म हुए भी ट्रेन में यात्रा कर सकता है। इसके लिए भारतीय रेलवे की ओर से कोई अलग से चार्ज भी नहीं लिया जाएगा।

रेलवे ने इस सुवि‍धा का नाम ‘विकल्‍प’ रखा है। टिकट कन्फर्म नहीं होने की स्थिति में रेलवे यात्रियों को एक नया विकल्प मुहैया कराता है। इसके तहत उन्‍हें यह सुवि‍धा दी जाती है कि‍ अगर उस ट्रेन में टिकट कन्फर्म नहीं हुई तो उन्‍हें कि‍सी अन्‍य ट्रेन में कन्फर्म टि‍कट उपलब्‍ध कराई जाएगी। आपको यह सुवि‍धा चाहि‍ए या नहीं, इसके लि‍ए आपको टि‍कट बुक करते समय इस विकल्‍प को चुनना होगा।

क्या हैं नियम–शर्तें

हालांकि बता दें कि ये ‘विकल्‍प’ चुनने का मतलब ये नहीं होता कि‍ आपको कि‍सी और ट्रेन में कन्फर्म टि‍कट मि‍ल ही जाएगा। यह ट्रेन और सीट की अवैलबेलिटी पर निर्भर करता है। इस सुवि‍धा से जुड़े कई नि‍यम भी हैं, जैसे कि‍स स्‍टेशन से ट्रेन पकड़नी है और कहां तक आपको सीट मि‍लेगी, ये भी बदल सकता है। हम आपको इंडि‍यन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्‍म कॉरपोरेशन (IRCTC) की इस सुवि‍धा के नि‍यम और शर्तें बता रहे हैं।

भारतीय रेल की विकल्‍प योजना सभी ट्रेनों और क्‍लास के लि‍ए लागू है। यह स्‍कीम वेटिंग लि‍स्‍ट में शामि‍ल सभी यात्रियों के लि‍ए है। भले ही उन्‍होंने कि‍सी भी कोटे से टि‍कट बुक कराई हो। इस योजना के तहत यात्री एक बार में 5 ट्रेनों का वि‍कल्‍प दे सकता है। यह सुवि‍धा केवल उन यात्रि‍यों के लि‍ए है, जिन्‍होंने वेटिंग में टि‍कट बुक किया है और चार्ट बनने के बाद भी उनका नाम वेटिंग लि‍स्‍ट में ही था।

कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं वसूलेंगे

अगर यात्री को कि‍सी और ट्रेन में सीट मि‍ल जाती है तो उससे ना तो कोई एक्स्ट्रा किराया लि‍या जाता है और ना ही कि‍सी अन्‍य तरह का शुल्‍क अगर इस योजना के तहत यात्री को कि‍सी और ट्रेन में टि‍कट मि‍ल जाती है तो वह फि‍र उस ट्रेन में सफर नहीं कर सकता, जि‍सकी टिकट उसने बुक कराई थी।

यात्रि‍यों को चाहि‍ए कि जि‍स वैकल्‍पि‍क ट्रेन में टि‍कट मि‍ला है, उसका चार्ट बनने के बाद एक बार अपने पीएनआर से दोबारा सीट और कोच कन्फर्म कर लें। अगर दूसरी ट्रेन में सीट मि‍लने के बाद यात्री सफर नहीं करता है तो वह टीडीआर के जरिए रि‍फंड क्‍लेम कर सकता है। विकल्‍प योजना के तहत चुनी गई ट्रेनों को बाद में बदला नहीं जा सकता।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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