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फीफा विश्व कप : मिडफील्ड के दम पर 20 साल पुराना इतिहास दोहराने उतरेगा क्रोएशिया

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस) वर्ष 1998 के अपने पहले ही फीफा विश्व कप में सेमीफाइनल तक पहुंचकर तीसरे स्थान पर रहने वाली क्रोएशियाई टीम कोच ज्लाटको डालिक के मार्गदर्शन में एक बार फिर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी।

वर्ष 1991 में युगोस्लाविया से स्वतंत्र होने के बाद क्रोएशिया 2010 को छोड़कर छह में पांच बार विश्व कप में अपनी जगह बना चुका है। फीफा की विश्व रैंकिंग में 18वें नंबर पर काबिज क्रोएशिया 1998 के बाद से एक बार से एक बार भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई है।

1998 में उसने नीदरलैण्ड्स को 2-1 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया था। 2002 और 2006 में वह 23वें और 22वें पर रही थी। ब्राजील में 2014 में क्रोएशिया 19वें स्थान पर रही थी। टीम के हालिया प्रदर्शन पर अगर नजर डाला जाए तो उसने मार्च में हुए दोस्ताना मैच में पेरू को 2-0 से और मेक्सिको को 1-0 से मात दी है।

क्रोएशिया ने विश्व कप क्वालीफाइंग मुकाबले में मिस्र को 4-1 से हराकर रूस में 14 जून से शुरू होने जा रहे विश्व कप का टिकट कटाया जहां उसे अर्जेंटीना, आइसलैंड और नाइजीरिया के साथ ग्रुप डी में रखा गया है जो उसके लिए ग्रुप आफ डेथ जैसा है। क्रोएशिया 26 मई से अपना अभ्यास शुरू करेगी और फिर विश्व कप शुरू होने से पहले वह ब्राजील और सेनेगल के साथ क्रमश: तीन और आठ जून को दोस्ताना मैच खेलेगी।

टूर्नामेंट में क्रोएशिया 16 जून को नाइजीरिया के साथ मुकाबले से अपने अभियान की शुरूआत करेगा। टीम को उसके बाद फिर 21 जून को अर्जेंटीना से और फिर 26 जून को आइसलैंड के खिलाफ मुकाबले में उतरना है।

विश्व कप में क्रोएशिया की सबसे बड़ी ताकत उसकी मिडफील्ड है। स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड के लुका मोड्रिक और माटिओ कोवाचिक के अलावा टीम में बार्सिलोना के इवान रेकिटिक तथा एटलेटिको मेड्रिड के सिमे वसाल्जको मौजूद है।

कोच डालिक पहले ही यह कह चुके हैं कि वेद्रन कोलुर्का और एलेक्जेंडर म्रिटोविक चोटिल हैं और उनकी योजना 4 जून को होने वाली टीम की अंतिम 23 सदस्यीय चयन के समय एक डिफेंडर को बाहर रखने की है। उनकी प्राथमिकता स्ट्राइकर मारियो मांजुकिक को टीम में शामिल करने की है। मांजुकिक से टीम को बड़ी उम्मीदें होंगी, वह अपने देश के लिए 82 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 30 गोल कर चुके हैं।

हालांकि, टीम को अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा। ये व्यवहार खिलाड़ियों के लिए नहीं है बल्कि स्थिति का कैसे मुकाबला करना है इसको लेकर है। 51 साल के कोच डालिक के अंदर अनुभव की कमी है जो दबाव में नर्वस दिखाई देने लगते हैं। इसके अलावा टीम का डिफेंस भी इस बार काफी कमजोर हैं। डेजान लोवरेन एवं वेद्रन कोलुर्का टीम में सबसे अनुभवी डिफेंडर हैं।

टीम:

गोलकीपर: डेनिजेल सुबासिक, लोवरो कालिनीक और डोमिनीक लिवाकोविक।

डिफेंडर: वेद्रन कोलुर्का, डोमागोज विदा, इवान स्ट्रिनीक, डेजान लोवरेन, सिमे वसाल्जको, जोसिप पीवारिक, टिन जेडवेज, माटेज म्रिटोव्रिक, डुजे सालेटा कार।

मिडफील्डर: लुका मोड्रिक, मटिओ कोवाचिक, इवान रेकिटिक, मिलान बाडेल्ज, मासेर्लो ब्राजोविक और फिलिप ब्राडेरिक।

फारवडर्: मारियो मांजुकिक, इवान पेरीसिक, निकोला कालिनीक, एंद्रेज करामारिक, मार्को पीजासा और एंटे रेबिक।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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