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आईपीएल सपने के सच होने जैसा, अब रणजी खेलने की इच्छा : मयंक मारकंडे

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कठिन प्रतिस्पर्धी माहौल में खुद को साबित करने के बाद पंजाब के युवा लेग स्पिनर मयंक मारकंडे अब अपने प्रदेश के लिए रणजी खेलना चाहते हैं। मयंक का मानना है कि दूसरे क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह भी उनका सपना देश के लिए खेलना है वह इसके लिए खूब मेहनत करेंगे।

आईपीएल के 11वें संस्करण में मुम्बई इंडियंस टीम के लिए खेलते हुए अपनी लेग स्पिन से सबको परेशान करते हुए दिग्गजों की वाहवाहियां लूटने वाले मयंक पहली बार इस लीग में खेलते हुए मुंबई की गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा बने।

इस सीजन में मयंक मुंबई इंडियंस की खोज साबित हुए और अब वह अपने सपनों को आकार देने में लगे हुए हैं।

मयंक ने आईएएनएस के साथ ईमेल इंटरव्यू में कहा, मैं वही करूंगा जो मेरे हाथ में है। मैं अपनी गेंदबाजी पर काम करूंगा। अब मेरी ख्वाहिश प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखने की है और मैं अब अपने प्रदेश पंजाब की रणजी टीम में जगह बनाना चाहता हूं। जाहिर है, दूसरे तमाम क्रिकेटरों की तरह मेरा सपना भी देश के लिए खेलना है लेकिन पहले मैं रणजी की बाधा पार करना चाहूंगा क्योंकि मेरे लिए सीखने का यह शानदार मौका होगा।

मुंबई ने सीजन के पहले मैच में ही मयंक को आईपीएल पदार्पण का मौका दिया। दो साल बाद वापसी कर रही चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मयंक पहली बार आईपीएल मैच खेल रहे थे और इस मैच में उन्होंने स्पिन के धुरंधर बल्लेबाज माने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी को अपना शिकार बनाया।

अपने पहले मैच पर और धोनी जैसे खिलाड़ी का विकेट लेने पर मयंक ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं आईपीएल में मुंबई इंडियंस के साथ पहले मैच में ही पदार्पण करूंगा। मेरे जैसे युवा खिलाड़ी के लिए मुंबई सपनों की टीम रही है। सीजन के पहले मैच वो भी चेन्नई के खिलाफ मुंबई के लिए खेलना मेरे लिए बड़ी बात थी। एक दिन पहले मुझे इस बारे में बताया गया था। मैं काफी उत्साहित था लेकिन घबराया हुआ भी था। टीम के सहयोगी स्टाफ ने मेरी मदद की।

धोनी के विकेट पर उन्होंने कहा, माही भाई का विकेट लेना जाहिर है मेरे लिए बड़ी बात थी।

मयंक का खेल देखने के बाद उनकी गुगली और गेंद पर नियंत्रण की काफी तारीफ हुई है। इन दोनों खासियत को अपने गेंदबाजी में उन्होंने किस तरह से शामिल किया? इस पर मयंक ने कहा, यह मेरी गेंदबाजी में नैसर्गिक आई। आठ साल ही उम्र में मैं तेज गेंदबाज बनना चाहता था। मेरी अकादमी में मेरे कोच ने मुझसे कहा कि मैं धीमी गेंद के लिए अपनी कलाई का इस्तेमाल कर सकता हूं। उन्होंने मेरी मदद की। मैं इसका ज्यादा अभ्यास किया और फिर लेग स्पिनर बन गया।

मयंक का क्रिकेट सफर पिता बिक्रम शर्मा के साथ पटियाला से शुरू हुआ। शुरुआत में वह अपने पिता के साथ ही खेला करते थे और जब पिता ने बेटे में क्रिकेट के प्रति रुझान देखा तो उन्हें कोच महेश इंदर सिंह की अकादमी में भर्ती करा दिया। मयंक कहते हैं कि मुंबई इंडियंस द्वारा चुना जाना उनके लिए सपने के सच होने जैसा था। मुम्बई की टीम के कर्ताधर्ताओं ने उन्हें अंडर-23 स्टेट टूर्नामेंट में देखा था। इसके बाद उन्हें ट्रायल्स के लिए बुलाया जहां 140 युवा पूरे देश भर से मुंबई में आए थे। वहां से उ्नका चयन हुआ और वह मुंबई इंडियंस में आ गए।

मयंक ने इस आईपीएल में 14 मैचों में 15 विकेट अपने नाम किए। लीग की शुरुआत में वह पर्पल कैप की दौड़ में थे, लेकिन अंत तक आते-आते वह इस रेस से बाहर हो गए। मयंक का कहना है कि पर्पल कैप हासिल करना कभी भी उनके दिमाग में नहीं था क्योंकि वह सिर्फ मुंबई के लिए अच्छा करना चाहता थे।

बकौल मयंक, मैंने जब से पदार्पण किया पर्पल कैप मेरे दिमाग में नहीं थी। मेरे दिमाग में सिर्फ मुंबई की कैप थी, सीजन की शुरुआत से अंत तक। पर्पल कैप आती-जाती रहती हैं लेकिन मैं मुंबई की कैप को अंत तक अपने पास रखना चाहता था। मेरे लिए वो गर्व की बात थी।

20 साल के इस लेग स्पिनर ने कहा, मुंबई के साथ खेलते हुए मैंने सीखा कि अलग-अलग मैच परिस्थतियों में किस तरह से खेला जाता है। टीम के कोचिंग स्टाफ, माहेला जयार्वधने, शेन बांड और लसिथ मलिंगा के साथ मैंने अलग-अलग परिस्थतियों में अपने आप को ढालना सीखा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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