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गर्मी की छुट्टियां मौज-मस्ती के संग देती है ऊर्जा

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नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां के पीछे एक ठोस वजह है, जिसमें सबसे पहले यह छुट्टियां बच्चों को परिवार के साथ जुड़ने के लिए भरपूर समय देती हैं। दूसरा, यह मौज मस्ती के लिए विभिन्न गतिविधियों का आनंद उठाने का मौका देती है और बच्चों को स्कूल के नए सत्र के लिए ऊर्जा और उत्साह से तैयार होने में मदद करता है। नोएडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की प्रधानाचार्य इंद्रा कोहली ने कहा, अधिकांश अभिभावक बच्चों के साथ एक या दो हफ्तों के लिए ठंडी जगहों पर सैर के लिए निकलते हैं, जैसे कि कोई हिल स्टेशन या गोवा में समुद्र के खूबसूरत किनारों पर, इसके बावजूद गर्मी की छुट्टियों का एक बड़ा हिस्सा बाकी रहता है और इसे सही योजना के साथ सार्थक बनाया जा सकता है। आखिरकार, यह छुट्टियों का समय है इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चे कुछ क्रिएटिव, प्रोडक्टिव और मजेदार काम नहीं कर सकते।

उन्होंने गर्मी की छुट्टियां के दौरान बच्चों के लिए व्यस्त रहने और प्रोडक्टिव काम करने में मदद करने के लिए सुझाव देते हुए कहा, अभिभावक बच्चों में किताबों की दुनिया में खोने, इंटरेक्टिव आउटडोर गेम्स खेलने, दोस्तों (पत्र-मित्रों) को खत लिखने जैसी चीजें सिखाएं और उन्हें पुराने स्कूल के दिनों की छुट्टियों का अनुभव लेने का मौका दें। यह गतिविधियां उनके लिए न केवल मजेदार साबित होंगी, बल्कि उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका भी देंगी।

उन्होंने कहा, बच्चों में आउटडोर खेलने की इच्छा जगाएं, इससे बच्चों में आत्मविश्वास, स्वाभिमान और टीमवर्क का विकास होता है। एक चुस्ती-फुर्ती भरी जीवनशैली को सुनिश्चित करने के साथ ही ये खेल अनुशासन, प्रेरणा तथा प्रतिबद्धता को लेकर बच्चों में एक नियमित और संतुलित उत्साह का विकास करते हैं। साथ ही बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाएं।

इंद्रा ने कहा, किताबों से अच्छा और सच्चा दोस्त और कोई नहीं होता। बच्चों में कम होती पढ़ने की आदत दुनियाभर में चिंता का विषय है। पढ़ने की आदत बच्चे की शिक्षा में केंद्रबिंदु की तरह होती है और यह बच्चे को स्कूल के बाद की जिंदगी के लिए तैयार होने का अवसर देती है। यह बच्चों को भावनात्मक तौर पर, सामाजिक तौर पर, बुद्धिमता के स्तर पर और सांस्कृतिक स्तर पर विकसित होने में मदद करती है।

उन्होंने कहा, अगर आपका बच्चा 3 से 5 साल की उम्र का है, तो मैं जानती हूं कि आपके पास करने को बहुत कुछ है। इन प्यारे, नन्हे बदमाशों को किसी चीज में व्यस्त करना एक कठिन काम है। मुझ पर विश्वास कीजिए, जब मैं कहती हूं कि कोडिंग कोई रॉकेट साइंस नहीं है और आपका नन्हा शैतान खेल खेल में कोड सीख सकता है।

उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में हम बच्चों को पूरी तरह स्क्रीन से अलग नहीं कर सकते, लेकिन हम यह कोशिश और सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका समय उत्पादकता से भरपूर हो जिसमें वे कुछ सही और सार्थक सीख सके । अगर आपका बच्चा 5 साल से अधिक उम्र का है तो उनके लिए आज कई कोडिंग क्लब्स मौजूद हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कोडिंग मजेदार और इंटरेक्टिव हो।

इंद्रा ने कहा, परिजनों और शिक्षाविदों, यह हमारा दायित्व है कि हम इंटरेक्टिव लर्निग का सुढ़ रास्ता बनाएं और बच्चों को रटंत पद्धति के रास्ते से दूर ले जाएं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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