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प्रादेशिक

घर में लड़की थी अकेले, प्रेमी को फोन कर बोली- जल्दी से आ जाओ और दोस्त को भी साथ ले आना

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फर्रुखाबाद के कम्पिल थाना क्षेत्र में एक बेहद अजीबोगरीब घटना देखने को मिली जहां एक लड़की ने घर में अकेले होने पर अपने प्रेमी को फोन कर बुला लिया। प्रेमिका के बुलावे पर प्रेमी दोस्त संग तुरंत चल दिया और प्रमिका के गांव पहुंच गया। लेकिन इसके बाद जो हुआ उसका अंदाजा शायद उन लोगों को नहीं होगा।

प्रेमी

देर रात मोहम्मदाबाद कोतवाली के गांव सुल्तानपुर का रहने वाला गोविंद पुत्र हंसराज अपने साथी जिला मैनपुरी के कोतवाली भोगांव के गांव विराहिमपुर के रहने वाले दीपेंद्र उर्फ दीपू पुत्र सत्य प्रकाश के साथ अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए कम्पिल थाना क्षेत्र के एक गांव में पहुंचा। घर के पास पहुंचकर जब प्रेमी ने प्रेमिका के घर घुसने का प्रयास किया तो गांव वालों ने दोनों को पकड़ लिया।

पकड़े जाने के बाद गांव वालों ने पूछताछ की तो उल्टा दोनों ग्रामीणों पर रौब झाड़ना शुरु कर दिए। इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने प्रेमी और उसके दोस्त की जमकर पिटाई कर दी। ग्रामीणों ने जब उस लड़के का बैग चेक किया तो आपत्तिजनक चीजों के साथ उसकी प्रेमिका की तस्वीर भी मिली जिसके बाद यह सारा मामला खुल गया।

जानकारी मिलने पर थानाध्यक्ष फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों युवक को थाने ले आए। प्रेमी गोविंद ने बताया कि मेरा उस लड़की से 2 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। लड़की जिला एटा में पढ़ रही थी उसी दौरान दोनों में प्रेम हो गया था। प्रेमिका की मां रिश्तेदारों के घर गई हुई थी। मौका पाकर प्रेमिका ने फोन कर मिलने के लिए बुलाया था। जिससे आपस में मौज मस्ती कर सके। लेकिन सारी मौज मस्ती जूतों और लात घूसे खाने में निकल गई।

आपको बता दें कि लड़की के घर वालों ने बदनामी के डर से अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जिसकी वजह पुलिस ने भी अभी तक दोनों लड़को के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। थानाध्यक्ष महेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि अभी तहरीर नहीं आई है मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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