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अभी-अभीः इस दिन से सिर्फ कार्ड बनकर रह जाएगा आधार, नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल!

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नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले न्यूज चैनल्स और सोशल मीडिया पर आधार कार्ड के संबंध में खूब खबरें सुनने को मिली। खबर थी कि आपका आधार कार्ड सेफ नहीं है। दरअसल, एक न्यूज संस्थान ने डेमो दिखाकर यह खुलासा किया था कि आपका डेटा आसानी से चुराया जा सकता है। अब इसी के मद्देनजर आधार कार्ड की सेफ्टी को और अधिक मजबूत करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसमें कुछ जरूरी बदलाव करने जा रहा है।

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यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला किया है। माना जा रहा था कि वर्चुअल आईडी की शुरुआत 1 जून से हो जाएगी। लेकिन अब इसकी तारीख बढ़ाकर एक जुलाई कर दी गई है। सरकार अब 1 जुलाई के बाद से वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल पर जोर देगी। ऐसे में आप अपना आधार कार्ड शायद ही इस्तेमाल कर सके।

हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि आपका आधार कार्ड बेकार हो जाएगा। इसका मतलब ये है कि अब आप शायद ही इसका इस्तेमाल कर सके क्योंकि अब ज्यादातर वर्चुअल आई का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्चुअल आईडी लोगों ने शायद ही कभी इस्तेमाल की है इसलिए आज हम इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि ये क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

ये होती है VID

आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है। यह 16 अंकों का नंबर होता है। सरल शब्दों में इसे आधार का क्लोन भी कहा जा सकता है। इसमें कुछ ही डिटेल होंगी। हर यूजर अपने आधार का वर्चुअल आईडी तैयार कर सकता है। अगर किसी जगह पर आपको आधार का इस्तेमाल करना अनिवार्य है तो आप वर्चुअल आईडी यूज कर सकते हैं।

UIDAI यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगा। अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है। वर्चुअल आईडी जनरेट करना 1 जून से अनिवार्य हो जाएगा।

ऐसे जेनरेट कर सकते हैं VID?

आधार वर्चुअल आईडी को UIDAI के पोर्टल से जेनरेट किया जा सकता है। यह एक डिजिटल आईडी होगी। आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकता है। मौजूदा समय में VID सिर्फ एक दिन के लिए ही वैलिड होती है।

इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार होल्डर इस वर्चुअल आधार आईडी को फिर से जेनरेट कर सकता है। इसे सिर्फ UIDAI की वेबसाइट से ही जेनरेट किया जा सकता है।

ऐसे जनरेट करें अपनी VID

  • VID जेनरेट करने के लिए UIDAI के होमपेज पर जाएं
  • अब अपना आधार नंबर डालें. इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और SEND OTP पर क्लिक कर दें
  • जिस मोबाइल नंबर से आपका आधार रजिस्टर्ड होगा, वहीं आपको OTP भेजा जाएगा
  • OTP डालने के बाद आपको नई VID जनरेट करने का ऑप्शन मिल जाएगा
  • जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी. यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा.

वर्चुअल आईडी से क्या होगा फायदा?

  • यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी
  • वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वेरिफिकेशन हो सकेगा
  • कोई यूजर जितनी चाहे, उतनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेगा
  • पुरानी आईडी अपने आप कैंसिल हो जाएगी
  • UIDAI के मुताबिक, अधिकृत एजेंसियों को आधार कार्ड होल्डर की ओर से वर्चुअल आईडी जनरेट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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