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एक समय पर सलमान ने उधार लिए थे 2011 रूपए, वापस करने के बजाय दिया ये..

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नई दिल्ली। सलमान खान की पहचान फिल्म इंडस्ट्री के सबसे दरियादिल इंसान के रुप में होती है। सलमान अब तक इंडस्ट्री में कई नए चेहरों को लॉन्च कर चुके हैं। फिल्म ‘लकी’ में सलमान ऐश्वर्या राय की हमशक्ल स्नेहा उलाल को लॉन्च कर चुके हैं तो वहीं फिल्म ‘वीर’ में कैटरीना की तरह दिखने वाली जरीन खान को भी मौका दे चुके हैं।

हाल ही में सलमान ने आदित्य पांचोली के बेटे सूरज पांचोली और सुनील शेट्टी की बेटी आथिया को फिल्म हीरो के जरिए लॉन्च किया था। कई लोगों को लॉन्च कर चुके सुपरस्टार सलमान खान अब कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बन रही प्रेम कहानी के साथ जहीर इकबाल को लॉन्च करने की तैयारी में हैं। उन्होंने जहीर को सलाह दी है कि जिनसे तुम प्यार करते हो और जो तुमसे प्यार करते हैं, उनका हमेशा सम्मान करना और उनके लिए हमेशा वफादार रहना।

हाल ही में सलमान ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह एक बच्चे के साथ नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बच्चा सलमान के बचपन के दोस्त का बेटा है। सलमान खान ने गुरुवार को ट्वीट किया, “ये बच्चे इतनी जल्दी बड़े कैसे हो जाते हैं। जहीर चाहे कुछ भी हो, हमेशा अपना बेहतरीन देने की कोशिश करना। अपनी बात पर अडिग रहना और हमेशा उनका साथ जरूर देना जिनसे तुम प्यार करते हो या जो तुम्हे प्यार करते हैं। ये याद रखना कि जिंदगी में सबसे बड़ी चीज है सम्मान और वफादारी।

दबंग खान ने साथ ही अपने दोस्त की फोटो भी शेयर की और लिखा, “किशोरावस्था में ये मेरा बैंक था, मुझे अब भी उसे 2,011 रुपये देने हैं। भगवान का शुक्र है कि उसने ब्याज नहीं लिया।” नितिन कक्कर द्वारा निर्देशित फिल्म की शूटिंग सितंबर में शुरू होगी। सलमान के इस ट्वीट के बाद यह कहा जा सकता है कि सलमान ने अपने दोस्त के बेटे को लॉन्च कर 2011 रुपए का कर्ज चुका दिया है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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