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चिंता के इलाज बाद सिर्फ 20 फीसदी युवाओं की जिंदगी बेहतर

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न्यूयॉर्क, 3 जून (आईएएनएस)| चिंता के इलाज बाद सिर्फ 20 फीसदी युवा लंबे समय तक सामान्य जीवन जी पाते हैं। इसमें इसका कोई मतलब नहीं है कि उन्हें किस तरह का इलाज दिया गया है।

इस शोध में ऐसे 319 युवाओं को शामिल किया गया, जो अलगाव, सामाजिक या सामान्य चिंता के विकारों से ग्रस्त थे। इनकी आयु 10 से 25 साल के बीच रही।

यह शोध ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ चाइल्ड एंड एडोलसेंट साइकेट्री’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अमेरिका के कनेक्टिकट विश्वविद्यालय से संबद्ध शोध की सह लेखक गोल्डा गिंसबर्ग ने कहा, जब आप पाते हैं कि हमारे द्वारा दिया गए बेहतरीन इलाज का कुछ बच्चों पर असर नहीं पड़ा तो यह हतोत्साहित करता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि नियमित मानसिक स्वास्थ्य की जांच वर्तमान मॉडल की तुलना में चिंता का इलाज करने का बेहतर तरीका है।

इस शोध के लिए प्रतिभागियों को साक्ष्य आधारित इलाज दिया गया। इसमें स्टरलाइन या संज्ञानात्मक व्यावहारिक चिकित्सा दी गई। इसके बाद शोधकर्ताओं ने हर साल चार साल तक इनका परीक्षण किया।

लगातार जांच से चिंता के स्तर का आंकलन किया गया, लेकिन इलाज नहीं दिया गया।

शोधकर्ताओं ने कहा कि अन्य अध्ययनों में एक, दो, पांच या 10 सालों पर असर की सिर्फ एक जांच की गई। यह पहला अध्ययन है, जिसमें युवाओं के चिंता का इलाज हर साल लगातार चाल साल तक किया गया।

अनवरत जांच करते रहने का मतलब है कि शोधकर्ता एक बार ठीक होकर फिर बीमार पड़ने वाले मरीजों के साथ चिंताग्रस्त रहने वाले व सही अवस्था में रहने वालों की पहचान कर सकते हैं।

इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि आधे मरीज एक बार ठीक होने के बाद फिर से बीमार पड़ गए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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