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प्रादेशिक

35 साल की महिला टीचर ने 14 साल के स्टूडेंट से बनाए संबंध, 3 महीने बाद इस वजह से खुला राज

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गुरु और शिष्य के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्तों में से एक माना जाता है। लेकिन इस कलयुग में इस रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। जहां एक 35 साल की महिला ट्यूशन टीचर 14 साल के नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाती थी। महिला ने यह गंदा काम लगभग 3 महीने तक जारी रखा।

पूरा मामला तब खुला जब एग्जाम में बच्चे के नंबर कम आए। घरवाले जब ट्यूशन बदलने के बारे में सोचने लगे तो महिला टीचर नाबालिग के घर पहुंच गई।

जिसके बाद मामला पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन तक पहुंच गया और सच्चाई सबके सामने आ गई। आपको बता दें कि बच्चे के घरवालों ने हेल्पलाइन 1098 की मदद से टीचर के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने बच्चे का बयान दर्ज कर महिला टीचर को गिरफ्तार भी कर लिया है।

बता दें आरोपी महिला गवर्नमेंट स्कूल में साइंस पढ़ाती है। महिला के पति लेक्चरर हैं वह पूरे परिवार के साथ पीड़ित बच्चे के घर के पास ही रहते हैं। आपको बता दें कि महिला टीचर के पास पहले भाई बहन एक साथ पढ़ने आया करते थे। लेकिन टीचर ने बाद में बहन को साथ नहीं लाने को कहा।

बच्चे के दिए गए बयान के अनुसार 2018 मार्च में पहली बार टीचर ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान उनके घर पर कोई नहीं था। बच्चे के नंबर कम आने की वजह से करीब 4 दिन पहले उसके पेरेंट्स ने उसे डांटा और ट्यूशन पर भेजने से मना कर दिया। टीचर से भी बोला कि वह ट्यूशन पर नहीं आएगा।

इस बात को सुनते टीचर उनके घर पहुंची और कहा कि वे ऐसा न करें। बच्चा ठीक पढ़ रहा है और वह आगे उस पर पूरा ध्यान देगी। लेकिन घरवालों ने साफ मना कर दिया कि वे उसे कहीं और ट्यूशन पर भेजेंगे।

जिसके बाद टीचर ने बात मनवाने के लिए कोई चीज पी ली, जिससे वह बेहोश हो गई। बच्चे के पेरेंट्स उसे हॉस्पिटल ले गए। यहां टीचर ने पुलिस को बयान दे दिए कि उसने बच्चे के माता-पिता से परेशान होकर सुसाइड करने की कोशिश की। क्योंकि वे उसे बदनाम करते हैं।

जिसके बाद स्टूडेंट के पेरेंट्स ने ने हेल्पलाइन 1098 की मदद ली। बच्चे से बात की गई तो उसने बताया कि टीचर ने उससे शारीरिक संबंध बनाए हैं। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर टीचर को गिरफ्तार कर लिया। टीचर के खिलाफ केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।

IANS News

सोलर पैनल से सशक्त हो रहे यूपी के किसान, यूपी बना ऊर्जा का मजबूत केंद्र- सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में आयोजित “पार्टनरशिप कॉन्क्लेव” में प्रदेश के सतत विकास और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रौद्योगिकी, सरकारी योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी को आवश्यक बताया। वर्ल्ड बैंक और गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

सीएम योगी ने प्रदेश की चुनौतियों और उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों और कृषि क्षेत्र को नई तकनीकों और संसाधनों से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार की उन उपलब्धियों को साझा किया जिनसे पिछले कुछ वर्षों में बड़े बदलाव आए हैं। सीएम योगी ने कहा कि सोलर पैनल से आज प्रदेश के किसान सशक्त हो रहे हैं, प्रदेश ऊर्जा का मजबूत केंद्र बनकर उभरा है।

इंसेफेलाइटिस से मुक्ति एक प्रेरणादायक सफलता है- सीएम

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में कभी “मौत का कारण” मानी जाने वाली इंसेफेलाइटिस बीमारी के उन्मूलन को प्रदेश की एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि 2017 से पहले हर साल इस बीमारी से 1500 से 2000 बच्चों की मौत होती थी, लेकिन राज्य सरकार ने WHO, गेट्स फाउंडेशन, यूनिसेफ और अन्य संस्थाओं के सहयोग से मात्र तीन वर्षों में इस समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि यह शासन, तकनीक और जनसहभागिता का परिणाम है कि आज यूपी में इंसेफेलाइटिस से कोई मौत नहीं होती।

कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचार की आवश्यकता- सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास देश की सबसे उपजाऊ भूमि और जल संसाधन हैं, जो कृषि क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 89 कृषि विज्ञान केंद्र और 6 कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत हैं, जो किसानों को प्रोत्साहित करने और उन्हें नई तकनीकों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 1 लाख किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे सिंचाई और बिजली की समस्याओं को हल करने में मदद मिली है। राज्य सरकार ने किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

टेक्नोलॉजी से किसान को जोड़ने पर सीएम योगी का जोर

सीएम योगी ने कहा कि जब तक किसान नई तकनीकों को अपनाएंगे नहीं, तब तक कृषि क्षेत्र में अपेक्षित वृद्धि नहीं होगी। टेक्नोलॉजी को किसानों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान और एक्सटेंशन प्रोग्राम जरूरी हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से किसानों को प्रायोगिक रूप से दिखाया जाए कि नई तकनीकों से खेती में कैसे बदलाव लाया जा सकता है।

सरकारी योजनाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी जरूरी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी योजनाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी जरूरी है। साझेदारी से ही कृषि उत्पादकता को 3-4 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। निजी क्षेत्र को इस दिशा में प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे राज्य के विकास में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना, जल संसाधनों का सही उपयोग करना और कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही योजनाओं और उनके प्रभावी क्रियान्वयन से कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है।

साझा दृष्टिकोण से सतत विकास के मिलेगी गति- योगी

मुख्यमंत्री ने गेट्स फाउंडेशन, वर्ल्ड बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में उनके अनुभव और सहयोग से बदलाव की गति तेज हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह साझेदारी विकास का आधार है और इससे उत्तर प्रदेश के किसानों और जनता को बेहतर भविष्य मिल सकेगा। पार्टनरशिप कॉन्क्लेव के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कृषि और अन्य क्षेत्रों में तकनीक, जागरूकता और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील की।

कॉन्क्लेव में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अनिल राजभर, राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, मुख्य सचिव मनोज सिंह समेत संबंधित विभागों के अधिकारी और गणमान्य मौजूद रहे।

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