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IANS News

हिमाचल में थर्मोकोल प्लेट पर प्रतिबंध

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शिमला, 5 जून (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को राज्य में थर्मोकोल प्लेट के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, क्योंकि यह प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आधिकारिक समारोह में एक लीटर से कम की प्लास्टिक बोतलों पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। मंडी जिले के सुंदरनगर शहर में विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक बोतलों के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों के प्रत्येक छात्रों को स्टील की बोतल दी जाएगी।

उन्होंने अभिभावकों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने बच्चों को प्लास्टिक बोतल के स्थान पर स्टील की बोतल देने का आह्वान किया।

ठाकुर ने 10 ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि 5 जून से 1 जुलाई तक बड्डी, नालागढ़, परवाणु, काला अंब, पोंटा साहिब, सुंदरनगर, दमताल और उना में पौधारोपण पर जोर दिया जाएगा क्योंकि ये राज्य के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं।

राज्य में 2 अक्टूबर 2009 को पॉलीथिन थैलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला शहर में पानी संकट प्रदूषण और शहर में पानी की आपूर्ति करने वाले जल ग्रहण क्षेत्रों, नदियों और जल निकायों में पानी की कमी की वजह से उत्पन्न हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य के पौधा घरों में प्रदूषण घटाने वाले पौधों का विकास किया जाएगा और लोगों को पौधारोपण के लिए इसे मुहैया कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य औद्योगिक विभागों से पाइन (चीड़) नीड्ल्स के निपटान के लिए इकाई गठित करने के लिए एक परियोजना तैयार करने के लिए कहा है। यह गर्मियों में जंगलों में आग लगने का प्रमुख कारण है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 में प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ (बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन) थीम के अंतर्गत लोगों, सरकारों, सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों से हमारे प्राकृतिक स्थानों, हमारे वन्यजीव और हमारे स्वास्थ्य पर प्लास्टिक प्रदूषण के अत्यधिक भार को कम करने के लिए कदम उठाने का आह्वन किया गया है।

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वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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