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आरएसएस मंच से दिए प्रणब मुखर्जी के भाषण से पी. चिदंबरम खुश
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के मंच पर जाकर बोले, भाजपा और कांग्रेस सहित कई बड़े दलों के नेताओं ने हल्ला मचा दिया, कुछ ने कहा गलत है तो कुछ ने कहा, ठीक है, आरएसएस की खामियां गिनाई। पर देशभर में इस मामले पर बहस मुबाहिसा हो रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन, यानी तृतीय वर्ष वर्ग को संबोधित करने का न्योता आया और उन्होंने बड़े सहहृदय स्वीकार किया, और उनके मंच से बोले और जमकर बोले। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत के विभिन्न धर्म और संस्कृति इसे सहिष्णु बनाते हैं और देश की आत्मा इसकी बहुलवाद और धर्मनिरपेक्षता में बसती है।
कांग्रेस के एक बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने खुशी जताते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के मंच पर जाकर उसकी गड़बड़ विचारधारा के बारे में उसे बताया।
Happy that Mr Pranab Mukherjee told the RSS what is right about Congress’ ideology. It was his way of saying what is wrong about RSS’ ideology
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 8, 2018
पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री चिदंबरम ने प्रणब मुखर्जी के गुरुवार को नागपुर दौरे पर ट्वीट किया, “इस बात की खुशी है कि प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस की विचारधारा की अच्छाई के बारे में आरएसएस को बताया। यह आरएसएस की विचारधारा में मौजूद गड़बड़ियों गिनाने का उनका तरीका था।”
प्रणब के नागपुर दौरे को लेकर हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से काफी विरोध हुआ था, और उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके इस दौरे का विरोध किया था।
प्रणब का भाषण देश के समसामयिक इतिहास में महत्वपूर्ण घटना : आडवाणी
भाजपा के संरक्षक लाल कृष्ण आडवाणी ने आरएसएस मुख्यालय नागपुर में कार्यक्रम में हिस्सा लेने को उनकी ‘शिष्टता व सद्भाव’ बताया और कहा कि देश के समसामयिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना है।
लाल कृष्ण आडवाणी ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को स्वयंसेवकों को संबोधित करने के लिए निमंत्रण देने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भी प्रशंसा की। स्वंयसेवकों ने इस साल अपने प्रशिक्षण का तीन साल पूरा किया है। आडवाणी की यह टिप्पणी प्रणब मुखर्जी के नागपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के एक दिन बाद आई है।
आडवाणी ने कहा, “दोनों नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए विचारों में एक खास सामंजस्य व जीवंतता दिखती है। दोनों ने भारत की आवश्यक एकता को उजागर किया, जो धार्मिक बहुलवाद सहित सभी विविधताओं को स्वीकारते हैं और सम्मान करते हैं।”
लाल कृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने अपने को आरएसएस का आजीवन स्वंयसेवक बताया।
सीताराम येचुरी खली आरएसएस मुख्यालय पर गांधी की हत्या का जिक्र न होना
In the “history capsule” delivered by Pranab Mukherjee at the RSS headquarters, the absence of Mahatma Gandhi and his assassination speaks volumes.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 7, 2018
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय में दिए भाषण पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि, प्रणब मुखर्जी ने बहुलवाद और बहु-आस्था पर जो कुछ बोला, वे सब बातें लोग भूल जाएंगे, लोगों की स्मृति में बस यही रहेगा कि वह आरएसएस मुख्यालय गए थे।
महासचिव सीताराम येचुरी को यह बात बहुत खली कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस मुख्यालय में अपने भाषण में महात्मा गांधी की हत्या का कोई जिक्र नहीं किया।
सीताराम येचुरी ने कहा, “प्रणब दा की बेटी ने बिल्कुल सही कहा है। दृश्य याद रहेंगे, भाषण भुला दिए जाएंगे।” (इनपुट आईएएनएस)
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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