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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार संघर्षविराम समझौते की कोशिश करेगा

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यंगून | म्यांमार सरकार के शांति वार्ताकारों ने मंगलवार को कहा कि जातीय सशस्त्र गुटों के साथ बहाल हुई शांतिवार्ता के जरिए देशव्यापी संघर्षविराम समझौते का मसौदा तैयार करने की कोशिश की जाएगी। वार्ताकारों ने लंबित मुद्दों को सुलझाने का भी आह्वान किया। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ के मुताबिक, सरकार की युनियन पीस-मेकिंग वर्क कमेटी (यूपीडब्लूसी) के उपाध्यक्ष यू आंग मिन ने म्यांमार शांति केंद्र में यूपीडब्लूसी और 16 जातीय सशस्त्र गुटों के नेशनवाइड सीजफायर कोऑर्डिनेशन टीम (एनसीसीटी) के बीच चल रही सातवें दौर की शांतिवार्ता के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही।

यू आंग मिन राष्ट्रपति के कार्यालय में मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार संघर्षविराम समझौते को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयासरत है। इसका उद्देश्य सरकार के अगले कार्यकाल में भी शांति प्रक्रिया को बनाए रखना है । उन्होंने राष्ट्रपति यू थेन सेन का हवाला देते हए कहा कि जातीय संघर्षो को ताकत के बल पर सुलझाया नहीं जा सकता। इसे राजनीतिक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संघर्षविराम पर एक संयुक्त निगरानी समिति की स्थापना और राजनीतिक संवाद के लिए एक अलग समिति की स्थापना शांति प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनसीसीटी के अध्यक्ष यू नैंग हान था ने कहा कि उत्तरी म्यांमार में भारी संघर्ष के बीच हाल ही में सरकार और सैन्य प्रमुखों के साथ कचिन इनडिपेंडेंस ऑर्गनाइजेशन (केआईओ) की बैठक शांति प्रक्रिया की दिशा में एक अच्छी संभावना थी। उन दोनों के बीच विश्वास बहाली से भी यूपीडब्लूसी और एनसीसीटी के बीच देशव्यापी संघर्षविराम वार्ता में योगदान मिलेगा।

उन्होंने सुझाव दिया कि स्थायी शांति के लिए कचिन राज्य, तांग या पालौंग क्षेत्र और कोकांग में जारी संघर्ष को शांति वार्ता में शामिल किया जाना चाहिए ताकि उन इलाकों में तनाव घट सके। उन्होंने घरेलू झगड़ों को सुलझाने के लिए बल का प्रयोग नहीं करने पर जोर दिया। क्योंकि इससे देश में अराजकता बढ़ सकती है। सेना के नंबर-1 विशेष अभियान से जुड़े लेफ्टिनेंट जनरल मिंत सो ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि बैठक के दौरान सशस्त्र बलों और केआईओ के बीच विवाद सुलझाने और संघर्षविराम पर आपसी सहमति बनी तो शांति हासिल की जा सकती है। गौरतलब है कि सरकार और जातीय सशस्त्र समूहों के बीच मंगलवार को यंगून में शांतिवार्ता बहाल हो गई, जो संघर्षविराम समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने की दिशा में एक प्रयास है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल की एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसकी बेटी की मौत की खबर

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नई दिल्ली। इजराइली सेना का लेबनान में बेरूत समेत कई इलाकों पर मिसाइल हमला जारी है। बताया जा रहा है कि इस भयंकर तबाही में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसकी बेटी जैनब की मौत हो गई है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। दावा यह भी किया जा रहा है कि हमले में नसरल्लाह के भाई हाशिम अल दीन की भी मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिजबुल्लाह चीफ की बेटी का शव उस कमांड सेंटर के मलबे में मिला है जिस पर इजराइल ने हमला किया था। उन्होंने कहा कि लेबनान अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

रॉयटर्स ने लेबनान के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि इजराइल के हमलों के बाद से हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह से संपर्क नहीं हो पाया है। हमले के कई घंटे बीत जाने के बाद भी हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह के ठीक होने को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि जहां हमला किया गया वहां हिजबुल्लाह के टॉप अधिकारी मीटिंग करते थे। हमले के वक्त हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की वहां मौजूदगी की जानकारी नहीं है।

लेबनान में इजराइल के हवाई हमलों में इस हफ्ते काफी तेजी आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस सप्ताह लेबनान में हमलों में मारे गए लोगों की संख्या 720 से अधिक हो गई है, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं इन ताजा हमलों के कारण इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष के पूर्ण युद्ध में बदलने की आशंका मजबूत हो गई है।

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