Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

तिरूपति बालाजी की गुप्त रसोई में बनते हैं रोजाना तीन लाख लड्डू, जानिए क्यों खास है यह रसोई

Published

on

Loading

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर दर्शनीय है। हर साल लाखों लोग तिरुमाला की पहाडिय़ों पर उनके दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर तिरुमलै पर्वत पर स्थित है, जहां भगवान विष्णु अपनी पत्नी लक्ष्मी जी के साथ विराजमान हैं।

तिरुपति शहर इसी पर्वत के नीचे बसा हुआ है। इसकी सात चोटियां भगवान आदिशेष के सात सिरों को दर्शाती हैं। बाला जी का मंदिर सातवीं चोटी वेंकटाद्री पर है। तिरुपति के इतने प्रचलित होने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं हैं।

 

वेंकट पहाड़ी के स्वामी होने के कारण ही भगवान विष्णु को वेंकटेश्वर भी कहा जाता है। यह मंदिर भारत के सर्वाधिक संपन्न मंदिरों में से एक है। प्रचलित मान्यता के अनुसार मनौती पूरी होने के बाद यहां आने वाले भक्तजन भगवान को अपने बाल अर्पित करते हैं। यह मंदिर द्रविड़ स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट  नमूना है।

 

ऐसा कहा जाता है कि मंदिर की मूर्ति से समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। इसी कारण उसमें नमी रहती है। यहां प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले लड्डू विश्व प्रसिद्ध हैं, जिन्हें बनाने के लिए वहां के कारीगर आज भी तीन सौ साल पुराना पारंपरिक तरीका यूज़ करते हैं। इसे मंदिर के गुप्त रसोईघर में तैयार किया जाता है, जिसे ‘पोटू कहा जाता है। यहां रोज़ाना लगभग 3 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं।

तिरुपति जाने के लिए सितंबर से फरवरी के बीच का समय अच्छा है। इस दौरान यहां कई झांकियां निकलती हैं और मौसम भी सुहावना रहता है।

 

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending