ऑफ़बीट
दहेज के विरुद्ध उठाया ऐसा कदम कि देखकर हर कोई रह गया हैरान, जानिए क्या है पूरा मामला
दहेज लेना देना अब कुरीति से ज्यादा प्रथा बन गयी है। आज बिना दहेज के कहीं शादी ही नही हो रही। हालांकि इस कुरीति के विरुद्ध आवाज उठती रहती है लेकिन मध्य प्रदेश में दहेज के विरोध का एक अनोखा मामला सामने आया है जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है।
मध्य प्रदेश के गुर्जर समाज में एक पिता ने ऐसा काम किया है जिसकी हर तरह खूब चर्चा हो रही है। इन्द्र सिंह गुर्जर अपनी बिटिया की शादी में कोई दहेज नहीं दे रहे हैं। साथ ही समाज को एक मैसेज दे रहे हैं कि वो भी ऐसी ही पहल करे। उन्होंने अपनी बिटिया की शादी के कार्ड पर शादी का पूरा खर्च लिखवा दिया है। आपको बता दें कि इन्द्र सिंह गुर्जर की बेटी की शादी इसी महीने 20 जून को होनी है।इन्द्र सिंह गुर्जर ने अपनी बेटी की शादी के कार्ड में संत हरि गिरि महाराज द्वारा तय किये गये खर्च का उल्लेख किया है। जिसमें उन्होने लिखा है कि विवाह करवाने वाले पंडित जी को 1100 रुपये दक्षिणा दी जाएगी, इसके अलावा थाली में 5100 रुपये, सगुन के 1100 रुपये, दरवाजा रुकाई के 1100 रुपये, भात के 5100 रुपये, अंक माला के 10 रुपये, टीका के 50 रुपये, पान के 1100 रुपये और 5 बर्तन, कूल, आलमीरा तथा पलंग दिये जा रहे हैं। बारात में सिर्फ 100 बारातियों का सत्कार किया जाएगा।इस अनोखी शादी में कार्ड पर स्पष्ट रुप से नोट में लिखा हुआ है कि कोई भी व्यक्ति शादी में शामिल होने के लिये शराब पीकर ना आए। कार्ड पर लिखे गये नोट में कहा गया है कि ये आदेश संत हरि गिरि महाराज का है लड़की के चाचा ने बताया है कि ‘समाज में शराबबंदी पहले ही हो चुकी है अब दहेज बंदी का भी पालन’ हो रहा है। ये सब संत जी की कृपा से हुआ है। कार्ड के आखिर में एक स्लोगन है जिसकी खूब चर्चा हो रही है। मृत्यु भोज और माला छूटी, खाना छूटा मेज पे, बाजे छूटे दारु छूटी, अबकी चोट दहेज पे।पूजा की शादी का कार्ड ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ की अपील भी कर रहा है। कार्ड के एक हिस्से में बेटी बचाओ बेटी पढाओ का स्लोगन छपा है, साथ ही लोगों को ये संकल्प लेने के लिये भी कहा गया है कि वो संकल्प लें, कि ‘ना दहेज देंगे और ना दहेज लेंगे’।
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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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