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मुश्किल दौर से गुज़र रहे बॉबी देओल ने बताया, उनके फिल्मों से दूर रहने के लिए कौन था जिम्मेदार?

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मुंबई। बॉबी देओल ने फिल्म ‘रेस 3’ से बड़े पर्दे पर सालों बाद वापसी की है, और उन्होंने इसके लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है। बॉबी 1990 के दशक में ‘गुप्त : द हिडेन ट्रूथ’, ‘सोल्जर’ और ‘अजनबी’ जैसी सफल फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। लेकिन उन्होंने ‘शाकालाका बूम बूम’ के साथ कई असफल फिल्में भी की हैं। बड़े पर्दे पर वह आखिरी बार ‘पोस्टर बॉयज़’ में नज़र आए थे।

बॉबी ने बताया, “बड़े पर्दे से गायब रहने के लिए मैं सिर्फ खुद को दोष दूंगा। मैं निराश हो गया था। मैं निरुत्साहित महसूस करने लगा था, लेकिन अपने परिवार को देखकर मुझे एहसास हुआ कि मैं उन्हें दुखी नहीं कर सकता”। उन्होंने कहा, “मुझे काम करना होगा, अपने पैरों पर खड़े होना है और इसे खुद करना है, क्योंकि मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है”। 49 वर्षीय  ने कहा, “बड़े पर्दे से गायब रहने से मुझ पर बहुत असर पड़ा। फिल्मी दुनिया से मेरी पहचान गायब हो गई थी”। ‘बिच्छू’, ‘अपने’, ‘झूम बराबर झूम’ जैसी सफल फिल्मों के बावजूद प्रसिद्धि का लाभ नहीं उठा पाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा, “मैं अज्ञानी था, मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि मैंने वैसी प्रसिद्धि हासिल कर ली है”।

उन्होंने कहा, “अब मुझे लगता है कि यदि मैं अज्ञानी नहीं रहा होता तो ऐसा नहीं हुआ होता। लेकिन हार कभी नहीं मानें, कड़ी मेहनत कीजिए और आप जीवन में उपलब्धियां पा सकते हैं”। उनका कहना है कि, “वह मुश्किल समय से गुजर चुके हैं और अंदाजा नहीं लगा सकते कि क्या हो रहा है”। उन्होंने कहा, “मुझे इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। अब मुझे पता है कि यहां प्रतिस्पर्धा है और मैं खुद को तैयार कर रहा हूं”।

बॉबी आगामी रविवार को आयोजित हो रहे इंटरनेशनल इंडियन फिल्म्स एकेडमी (आइफा) में प्रस्तुति देंगे। बॉबी फिलहाल अपनी हालिया फिल्म ‘रेस 3’ की सफलता से उत्साहित हैं। फिल्म ने 100 करोड़ रुपये कमाई का आंकड़ा पार कर लिया है।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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