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उत्तराखंड

भूलकर भी अकेले मत जाइए यहां … नरकंकालों से घिरी हुई अदभुत रूपकुंड झील

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उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में आना वाला रहस्यों से भरा स्थल रूपकुंड चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ता है। इस स्थल पड़ने वाली झील को रहस्यों से भरा इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यहां चारोओर पाए जाने वाले रहस्यमयी प्राचीन विशाल नरकंकाल, अस्थियां, कपड़े, गहने और बर्तन सभी का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं।

उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी रूपकुंड की ओर यात्रियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने ट्विटर एकाउंट पर काफी सक्रिय है। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को इस झील के दर्शन करने की सलाह देते हुए पर्यटन विभाग अक्सर रोचक ट्विट भी करता रहता है।

रूपकुंड झील त्रिशूल पर्वत पर करीब 24000 फीट पर स्थित है। यह झील बागेश्वर से सटे चमोली जनपद में बेदनी बुग्याल के पास है। उत्तराखंड में हिमालय की अनेक चोटियों के बीच त्रिशूल की चोटियां हैं। भगवान शिव का त्रिशूल मानी जाने वाली त्रिशूल चोटी के नज़दीक ही रूपकुंड झील पड़ती है।

रूपकुंड झील के चारोओर पड़े हुए नरकंकाल। ( फोटो – गूगल ईमेज )

इस कुंड को लेकर कई लोगों का मानना है कि यहां भारी संस्था में बड़े-बड़े नर कंकाल खुलेआम पड़े रहते हैं ,जिन्हें देखकर डर भी लगता है। रात में यहां आने से लोग बचते हैं, यहां तक कि दिन में भी इस जगह पर अकेले आने में लोगों की सांसे फूलने लगती हैं।

रूपकुंड से जुड़ी पौराणिक कथा –

जब एक बार हिमालय पुत्री नंदादेवी भगवान शिव के साथ कैलाश मार्ग पर जा रही थी, तो एक स्थान पर उन्हें बहुत तेज़ प्यास लगी। नंदा-पार्वती के सूखे होंठों को देखकर शिव जल की तलाश में आस पास देखने लगे। अपने नज़दीक जल न मिलने पर शिव ने वहीं पर अपना त्रिशूल धरती पर मार दिया, इससे ज़मीन पर बड़ा जल कुंड बन गया और नंदादेवी ने उस जल को पीकर अपनी प्यास बुझाई थी।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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