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यह तेजतर्रार IAS है बनारस का नया डीएम, इनके आगे किसी की नहीं चलती

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योगी सरकार ने हाल ही में कई जिलों के डीएम और एसपी बदल दिए हैं। बनारस में डीएम योगेश्वर राम मिश्र की जगह जिस तेज तर्रार आईएएस को नियुक्त किया गया है उनकी कार्यकुशलता और हनक के आगे किसी की नहीं चलती। उनकी कार्यशैली और हार्ड वर्किंग नेचर से बनारस का पड़ोसी ज़िला भदोही अच्छी तरह वाकिफ़ है।

सुरेन्द्र सिंह 2005 बैच के आईएएस रहे, सुरेन्द्र ने देश मे 21वां और यूपी में पहला स्थान पाया था। 2009 -2010 के दौरान करीब एक साल से ज्यादा समय तक उनकी तैनाती भदोही जिले में जिलाधिकारी के रूप में रही। यहां उन्हें अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिला तो उन्होंने भी इसके लिये कड़ी मेहनत की।

साभार – इंटरनेट

केन्द्र सरकार ने जब मनरेगा एक्ट लागू किया तो इसको डीएम सुरेन्द्र सिंह ने अपने जिले में पूरे मन से लागू कराया। उन्होंने विभाग को टीम की तरह यूज़ कर जिले में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिये। इसके लिये जिले भर में तालाब खोदवाए और दूसरे काम कराए। उनकी यह मेहनत रंग लायी और जब पूरे देश में मनरेगा के कामों की समीक्षा हुई तो भदोही उसमें सरे फेहरिस्त रहा। इसके लिये उन्हें केन्द्र सरकार की ओर से सम्मानित किया गया।

साभार – इंटरनेट

इस दरम्यान उनकी कार्यशैली से जनता में विश्वास जगा और वह लोगों के दिलों में उतर गए। यही वजह रही कि जब उनके ट्रांसफर की खबर आयी तो लोग मायूस हुए। अपने चहेते डीएम के तबादले की खबर से लोगों को अफसोस हुआ।

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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