नेशनल
शैलजा हत्याकांड: फेसबुक से कोर्ट मार्शल तक पहुंची प्यार की कहानी, जानिए पूरी कहानी……
हाल में हुए शैलजा हत्याकांड में मेजर निखिल राय हांडा को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी हांडा के मुताबिक उसके और शैलजा के रिश्ते की शुरुआत झूठ के जरिए हुई थी। दोनों की दोस्ती फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर 2015 में शैलजा से दोस्ती की थी। तब उसकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी। उसने ऐसे ही यहां की तीन अन्य महिलाओं से भी दोस्ती की थी। वह खुद को बिजनेसमैन बताता था। कॉल डिटेल से पता चला कि मेजर निखिल हांडा ने शैलजा द्विवेदी को छह महीने में तीन हजार बार कॉल किए थे।
शैलजा हत्याकांड से एक दिन पहले रात 10.48 बजे अपने फेसबुक एकाउंट पर एक स्टेटस डाला था। सफेद सूट में मुस्कुराती फोटो को पोस्ट करते हुए शैलजा इस पर कैप्शन लिखा- जब आपकी जिंदगी में सारे रंग हों तो भी आपको यह याद रखना चाहिए कि चीजें ब्लैक और व्हाइट में ही आपके सामने आती हैं। इस स्टेटस को लिखने की प्रेरणा उनको अपनी फोटो से ही मिली होगी लेकिन क्या पता था कि उनकी उजली जिंदगी को सुबह कोई काला साया तबाह करने वाला है।
आरोपी हांडा ने पुलिस को बताया कि वह शैलजा को पसंद करने लगा था। और शैलजा भी उसे पसंद करने लगी थी। इसके बाद शैलजा को अपने नजदीक लाने के लिए आरोपी उसे अपनी पत्नी से अच्छे संबंध नहीं होने की झूठी कहानियां बताने लगा।
वही दूसरी ओर आरोपी की पत्नी ने मंगलवार को पुलिस में दिए गए बयान में बताया कि उसके और मेजर हांडा के बीच संबंध काफी अच्छे थे। उनका एक बेटा भी है। उसने भी एक बार अपने पति को शैलजा के साथ बातें करते हुए पकड़ा था, पर उसके बाद उनके पति ने उन्हें वादा किया था कि वह उससे दूरी बना लेंगे।
इस मामले में हत्या के आरोपी मेजर निखिल हांडा को गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार को निखिल को कोर्ट में पेश किया गया जहां से अदालत ने उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीषा त्रिपाठी ने मेजर निखिल हांडा को पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि मेजर को हत्या में इस्तेमाल किये जाने वाले हथियार और उनके कपड़ों की बरामदगी के लिए उन्हें मेरठ ले जाना होगा।
शुरूआती दौर में पुलिस को यह सूचना मिली थी कि महिला की मौत सड़क हादसे में हो गयी है। बाद में जब उन्होंने शव का मुआयना किया तो यह पता चला कि महिला का गला रेता हुआ है। पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी ने कथित रूप से कार का इस्तेमाल कर मृतक का चेहरा और शरीर कुचल दिया था ताकि यह सड़क हादसा प्रतीत हो।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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