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नेशनल

अभी-अभीः जियो का नया ऐलान, गांव, स्कूल और कॉलेजों में देगा सबसे तेज फ्री इंटरनेट!

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नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की कंपनी रियालंस इंडस्ट्रीज की सलाना आम बैठक जब भी होने वाली होती है तो देश के दूसरे कंपनियों के दिल बैठने लगते हैं। हर कंपनी को ये डर सताता है कि इस बार रिलायंस कौन सा नया एलान करने वाली है। 5 जून को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सालाना आम बैठक हुई जिसमें लोगों की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए कई बड़े ऐलान किए गए।

जियो

जियो की लॉन्च‍िंग के बाद कंपनी की जितनी भी एजीएम हुई हैं, उसमें जियो को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। मुकेश अंबानी ने कहा है कि हम गांवों में फ्री इंटरनेट पहुंचाएंगे ताकि किसानों की आय दुगुनी करने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी को किसानों के अनुभव के साथ जोड़ा जाए, तो जियो देश में हरित क्रांति ला सकता है।

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मुकेश ने कहा कि हम शिक्षा पर फोकस करेंगे। इसके लिए फाइबर ब्रॉडबैंड को शिक्षण संस्थानों में पहुंचाया जाएगा। जिससे वहां फ्री इंटरनेट दिया जाएगा। हेल्थकेयर पर भी रहेगा फोकस. टेलीमेडिसिन और ई-डायगनोस्ट‍िक को लागू कर भारत हेल्थकेयर का खर्च कम कर सकता है।

इस एंटरप्राइज के जरिये डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा। मर्चेंट प्वाइंट ऑफ सेल लॉन्च किए जाएंगे। जहां से छोटे कारोबारी डिजिटल स्तर पर अपना कारोबार चला सकेंगे। रेवेन्यू 69 हजार करोड़ रुपये पार हुआ। 4 हजार से ज्यादा नये स्टोर खोले। छोटे कारोबारियों को दे रहे हैं बढ़ावा। 30 लाख से भी ज्यादा पार्टनर्स जुड़ चुके हैं।

पिछले साल यानी 2017 के एनुअल जनरल मीटिंग पर नजर डालें तो जियो ने पहला 4G VoLTE फीचर फोन जियोफोन लॉन्च किया था। इस फोन को शून्य प्रभावी कीमत के साथ लॉन्च कर जबरदस्त सुर्खियां जियो ने बटोरी थी। इस फोन के लिए कस्टमर को 1500 रुपये जमा करना होता है जिसे 36 महीने बाद कंपनी फुल रिफंड कर देती है।

इसके साथ ही जियो का 151 रुपये वला प्लान उतारा गया था जो जियो फोन को यूजर्स के लिए है। जिसमें प्रतिदिन 500 एमबी डेटा देने का ऐलान किया गया था। इसी इवेंट में कंपनी ने साफ किया था कि वो वॉयस कॉल के पैसे यूजर्स से नहीं लेगी।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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