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मानसून सत्र : मोदी सरकार का पहला इम्तिहान, क्या गिर जाएगी सरकार ?
मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो चुका है। मोदी सरकार मानसून सत्र के दौरान होने वाली 18 बैठकें में ज़्यादा से ज़्यादा विधेयकों की पास कराना चाहती है। लेकिन सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार के ख़िलाफ़ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव पर इसी शुक्रवार को चर्चा कराए जाने के बाद मत विभाजन होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय तय किया गया है। खबरों के मुताबिक इस दिन प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज स्थगित रखा जाएगा और सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर ही चर्चा होगी।
मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है। 2019 से पहले विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। हालांकि नंबर गेम के मामले में सरकार को कोई ख़तरा नहीं..ऐसे में ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार के ख़िलाफ़ महज़ सांकेतिक विरोध भर है।
इस मसले पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है और ‘नंबर गेम’ के लिहाज से विपक्ष काफी मजबूत है। वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है, ‘अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में भी कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के रूप में अहंकार दिखाया था और उस वक्त भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा।’
अगर आंकड़ों को देखें तो 535 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा और इसके सहयोगी दलों के सदस्यों की कुल संख्या 311 है। भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को बहुमत के लिए 272 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे में ‘नंबर गेम’ के लिहाज से इस अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा व इसके सहयोगी दलों का पलड़ा भारी लगता है।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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