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आध्यात्म

सावन 2018 : खास है शनिवार से हुई सावन की शुरुआत, शुभ मुहूर्त का ऐसे उठाएं लाभ

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आज सावन के महीने का पहला दिन है। सावन का महीना भोलेनाथ को मनाने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। लड़कियां मनचाहा साथी पाने के लिए इस महीने भोले बाबा के वत्र रखती हैं तो महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु पाने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाती हैं। हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है। साथ ही सावन भगवान शिव का प्रिय माह है। पूरे सावन भारत की भूमि शिवमय रहती है। इस महीने में शिव पूजा और सावन के सोमवार के व्रत का बहुत महत्व है। जानें, शिव पूजा विधि और सावन का महत्व –

साभार – इंटरनेट

हर रोज चढ़ाएं जल

सावन में यदि आप शुभ तिथियों और सोमवार का व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो प्रतिदिन शिवमंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पित कर भोले का पूजन कर सकते हैं। हर रोज सुबह स्नान के बाद बस एक लोटा जल शिवलिंग पर चढ़ा दीजिए और भोले बाबा इतने से भी प्रसन्न हो जाएंगे।

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 क्या है सावन का महत्व?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन शिवजी का प्रिय महीना है। इसी दिन वह धरती पर प्रकट होकर अपनी ससुराल गए थे। जब शिवजी अपनी ससुराल पहुंचे तो वहां उनका स्वागत सेवल, अर्घ्य और अभिषेक से हुआ। जिससे शिवजी बहुत प्रसन्न हुए। तभी से शिवजी के अभिषेक की परंपरा चली आ रही है। धार्मिक आस्था है कि हर साल सावन के महीने में शिवजी पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए इस महीने में शिवपूजा का विशेष महत्व है। 

क्यों चढ़ाते हैं शिवजी पर जल?

धर्म शास्त्रों में समुंद्र मंथन का विवरण मिलता है। इसके अनुसार, समुद्र मंथन सावन के महीने में ही किया गया था। समुद्र मंथने के दौरान जो विष निकला, उससे संपूर्ण ब्रह्मांड के जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा। इसलिए सभी के प्राणों की रक्षा हेतु शिवजी ने वह सारा विश पी लिया, जिस कारण उनका गला नीला पड़ गया। विश की गर्मी को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने शिवजी को जल और दूध अर्पित किया। ताकि उन्हें राहत मिल सके। तभी से सावन में शिवजी पर जल और दूध चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है।

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चार महीने शिवजी करेंगे सृष्टि का संचानल

धार्मिक कथाओं में भगवान विष्ण को सृष्टि का संचालक कहा गया है। लेकिन देवशनी एकादशी (23 जुलाई) से भगवान विष्णु चार महीने के लिए सो गए हैं। मान्यता है कि जब विष्णुजी सो जाते हैं, तब सृष्टि के संचालन का भार शिवजी अपने कंधों पर ले लेते हैं। ऐसे में भक्त अपने सभी संकटों से मुक्ति के लिए शिवजी के दर पर जाते हैं।

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जिन पर चल रही है साढ़ेसाती

जिन लोगों पर इस समय शनि की साढे़साती चल रही है, वे सावन में शिवपूजन कर इसके बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं। खासकर सावन के शनिवार को शिवपूजन से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। फिर इस बार तो सावन शुरू ही शनिवार से हुआ है तो आप जरूर इस शुभ मुहूर्त का लाभ उठाएं। आज आप शिव का रुद्राभिषेक कराकर शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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सावन, शिव, शनि और ज्योतिष

ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। वहीं, भगवान शिव शनिदेव के भी आराध्य हैं। सावन में जो भक्त शिवजी की पूजा करते हैं, शनिदेव उन पर क्रोधित नहीं होते, ऐसी धार्मिक आस्था है। वहीं, शनिदेव से भी न डरने की सलाह दी जाती है। कई ज्योतिषियों का कहना है कि शनिदेव क्रूर नहीं बल्कि कर्म के अनुसार, फल देनेवाले हैं। आप अपने कर्म सही रखकर और भोले भंडारी की पूजा करके शनिदेव की कृपा प्राप्त करते हैं। 

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साढ़ेसाती से प्रभावित लोग ऐसे करें पूजा

आज शाम आप साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव दूर करने साथ ही शनि और शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके बाद शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं स: शनिचश्चार नम:’ मंत्र का 108 बार जप करें। आप चाहें तो सुंद्र कांड का पाठ भी कर सकते हैं। आज हनुमान मंदिर में चोला अर्पित करने, हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीया जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी लाभ होगा।

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इन्हें जरूर करनी चाहिए पूजा

इस समय वृश्चिक, धनु और मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है। मकर राशि में जहां साढ़ेसाती का प्रथम चरण है, वहीं धनु में द्वितीय और वृश्चिक में अंतिम चरण है। इन तीनों राशियों के लोगों को आज शिवलिंग पूजा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। टेक्निकल फील्ड से जुड़े लोगों को भी आज शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके कार्यक्षेत्र में आ रही दिक्कतों में कमी आएगी।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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