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मौत का जो चलन बुराड़ी से शुरू हुआ अब पहुंच चुका है रांची

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रांची। झारखंड के रांची में दिल्ली के बुराड़ी कांड जैसा मामला सामने आया है। यहां एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या कर ली है। इनमें से एक का शव फंदे से लटका हुआ था जबकि छह शव बिस्तर पर पड़े हुए थे।

घटना के बाद से ही पूरे इलाके में दहशत है। बताया जा रहा है कि मृतक का परिवार कर्ज में डूबा था। मृत लोगों में दो बच्चे हैं। इनमें एक बच्ची की उम्र 4-5 साल, जबकि बेटे की उम्र एक साल से कुछ ज्यादा है। फॉरेंसिक लैब की टीम को भी बुलाया गया है।

मकान मालिक ने बताया कि भागलपुर के रहने वाले दीपक झा और उसका परिवार कर्ज में दबा हुआ था। कई महीने से उन्होंने उनका किराया भी नहीं दिया। परिवार की मौत का खुलासा तब हुआ, जब दीपक की बेटी को स्कूल ले जाने के लिए वैन घर आई।

स्कूल वैन के चालक ने हॉर्न बजाया तो कमरे से कोई बाहर नहीं आया। इस पर मकान मालिक के घर का बच्चा उसे बुलाने के लिए चला गया। इसके बाद बच्चे ने जो देखा, उसके बारे में आकर अपने परिवार के लोगों को बताया।

खिड़की के जरिए लोगों ने देखा, तो वहां का मंजर देखकर सब सन्न रह गये। इसके बाद लोगों ने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच में लगी हुई है और परिवार के आसपास के लोगों से बातचीत कर रही है

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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