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प्रादेशिक

गोवा में संस्कृति विभाग में जीन्स पहनने पर लगा प्रतिबंध

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पणजी | गोवा सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने अपने कर्मचारियों के बिना आस्तीन वाले कपड़े, कई जेब वाली पतलून और जींस पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। गोवा विधानसभा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में अपने जवाब में कला एवं संस्कृति मंत्री दयानंद मांदरेकर ने कहा कि यह निर्देश विभाग के निदेशक द्वारा जारी किया गया है ताकि कार्यालय परिसर में शिष्टाचार बरकरार रहे। कला एवं संस्कृति निदेशक प्रसाद लोलायकर ने कहा, “कर्मचारियों को सिर्फ औपचारिक परिधान पहनने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कार्यालय में काम के दौरान और निदेशालय के आधिकारिक कार्यक्रमों में जींस, कॉरडरॉय, टी-शर्ट, कई जेब वाली पतलून, बाजू रहित परिधान आदि पहनने की मनाही है। इस निर्देश में ड्रेस कोड के उल्लंघन पर निगरानी रखने के लिए विभाग के उप निदेशकों को नामित किया गया है।

कुछ सप्ताह पूर्व ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के कई मंत्रियों ने गोवा में भड़काऊ कपड़े पहनने पर पाबंदी की मांग की थी। उनका दावा था कि ऐसे कपड़े पहनना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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