नेशनल
जेएनयू दीक्षांत समारोहः 78 की उम्र में पूरी की PhD, बोले- नौजवान महसूस कर रहा हूं
कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नही होती। अगर आपका पढ़ाई के प्रति जुनून है तो आपके इस जुनून के आगे उम्र आड़े नही आती। डाक विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी विष्णु स्वरूप सक्सेना पर यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है। उन्होंने हाल ही में जेएनयू से अपनी पीएचडी कंप्लीट की है।
जेएनयू के दीक्षांत समारोह में अपनी पीएचडी डिग्री हासिल करने के लिए जब वह मंच की ओर बढ़े तो वहां उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। इस यादगार मौके पर उनका हौसला बढ़ाने के लिए उनकी पत्नी, एक बेटी और दो बेटे भी मौजूद थे। उनके दोनों बेटे विदेश में काम करते हैं और बेटी फैशन डिजाइनर हैं।
जेएनयू के 78 वर्षीय छात्र ने कहा, ‘पहले दिन जब मैं अगली कतार में बैठा था, एक युवती मेरे पास आई और मुझसे पूछा कि मैं अब (2008) क्यों पढ़ रहा हूं, मैं क्या करना चाहता हूं..आदि। मैंने उनसे कहा कि ये सभी सवाल अप्रासंगिक हैं। जब मैं जेएनयू कैंपस में होता हूं तो 19 साल के नौजवान सा महसूस करता हूं।’
वर्ष 1998 में 58 साल की उम्र में इंडियन पोस्टल बोर्ड के सदस्य के रूप में सेवानिवृत्ति के बाद सक्सेना 2008 में मास्टर डिग्री के लिए जेएनयू पहुंचे और 2012 में उन्होंने विश्वविद्यालय से एमफिल की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2012 से उन्होंने प्राचीन ब्रह्मी और खरोष्ठी लिपि के बारे में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की।
उन्होंने कहा, ‘मुझे यह बात सबसे अच्छी लगती है कि जेएनयू में कोई भी सवाल कर सकता है। यह खुला विश्वविद्यालय है। यह कहते हुए मुझे अफसोस है कि सवाल उठाने की जैसी आजादी आपको जेएनयू में मिलती है वह दूसरे शैक्षाणिक संस्थान में नहीं मिलती।’
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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