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पूर्व केंद्रीय मंत्री गुरुदास कामत का निधन, अंत्येष्टि गुरुवार को (राउंडअप)

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नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुरुदास कामत का बुधवार को यहां दिल का दौरा पड़ने से एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 63 साल के थे। कामत के एक पारिवारिक मित्र के मुताबिक, नई दिल्ली स्थित आवास में सुबह चाय पीने के दौरान कामत ने अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत की।

उन्होंने अपने ड्राइवर को आवाज लगाई, जो फौरन उन्हें चाणक्यपुरी स्थित प्राइमस अस्पताल ले गया। कहा जा रहा है कि वहां उन्होंने कुछ ही मिनटों के भीतर दम तोड़ दिया।

कामत के परिवार में पत्नी महारुख और बेटा सुनील है।

पार्टी के एक अधिकारी ने कहा, उनके पार्थिव शरीर को बुधवार रात मुंबई ले जाया जाएगा और उनका अंमित संस्कार गुरुवार को दोपहर बाद चेंबूर में किया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकपा) के अध्यक्ष शरद पवार समेत अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अस्पताल जाकर कामत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाया।

कामत का सम्मान उनकी पार्टी के अलावा विपक्षी भी करते थे। दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में संयुक्त राष्ट्र में चार सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में कामत को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के साथ शामिल किया था।

2010 में कामत को इथोपिया के अदीस अबाबा में संघवाद पर आधारित संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया गया था।

मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रह चुके पार्टी के युवा और धर्मनिरपेक्ष चेहरे कामत 2009 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे, लेकिन 2011 में पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) बनाए जाने के बाद उन्होंने अचानक निजी कारणों से यह पद छोड़ दिया था।

उन्होंने केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री का भी कार्यभार संभाला था।

कामत ने 2016 में मुंबई में कथित रूप से स्थानीय पार्टी इकाई के कामकाज को लेकर नाखुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।

उन्होंने 2017 में अचानक सभी पद छोड़ कर सबको चौका दिया था। हालांकि, वह अंत तक कांग्रेस के एक कद्दावर नेता बने रहे।

उनका जन्म कर्नाटक के उत्तर केनारा जिले के अकोला गांव में हुआ था और उन्होंने मुंबई से पढ़ाई की। वह पेशे से वकील, कुशल प्रबंधक और एक अच्छे वक्ता थे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जोकि अभी जर्मनी में हैं, ने कहा कि कामत का निधन पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

उन्होंने ट्वीट किया, वरिष्ठ नेता गुरुदास कामतजी का अचानक निधन कांग्रेस परिवार के लिए बड़ा झटका है। गुरुदासजी ने मुंबई में कांग्रेस के निर्माण का काम किया और उनका सभी आदर करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के प्रति है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, मैं गुरुदास कामत के अचानक निधन के बारे में जानकर स्तब्ध और दुखी हूं। मेरी गहरी संवेदनाएं उनके सभी परिजनों के प्रति है। मैं दिवंगत आत्मा के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कामत के बेटे सुनील के प्रति संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने कहा, मैं आपके प्यारे पिताजी के निधन के बारे में जानकर बेहद दुखी हूं। वह समर्पित लोक सेवक और महाराष्ट्र के बड़े नेता थे। देश और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी को उनकी कमी खलेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह कामत के निधन से दुखी हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि कामत के निधन से वह दुखी हैं और एक ऐसे नेता को खो दिया है, जो मुंबई के लोगों की नब्ज अच्छी तरह से जानते थे और हमेशा संसद में मुंबई के लोगों की समस्याएं उठाते थे।

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्होंने ‘एक बेहतरीन सहयोगी खो दिया है।’

मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा, यह अपूरणीय क्षति है। कामतजी ने मुंबई कांग्रेस के निर्माण में मेहनत की थी और सभी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाए रखते थे।

मुंबई उत्तर-पूर्व से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद किरीट सोमैया ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के निधन पर शोक प्रकट किया है।

सोमैया ने ट्वीट किया, हमने एक सज्जन राजनेता खो दिया है। एक ऐसे सांसद, जो हमेशा मुंबई की बेहतरी के लिए सक्रिय रहे। हालांकि, हमने एक-दूसरे के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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