Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

29000 करोड़ का कोयला घोटाला? निशाने पर मोदी सरकार

Published

on

कोयल घोटाला

Loading

नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर घिरने के बाद कांग्रेस बीजेपी पर और अधिक हमलावर होती नजर आ रही है। सोमवार को कथित 29 हजार करोड़ के कोयला घोटाले के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘29000 करोड़ के इस घोटाले में मोदी सरकार के पसंदीदा पूँजीपति शामिल हैं, वित्त मंत्री जी हर विषय पर ब्लॉग लिखते हैं तो उनको इस पर भी ब्लॉग लिखना चाहिए।’

आपको बता दें कि पिछले दिनों अदाणी समूह ने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) द्वारा जारी सभी लेटर्स रोगेटरी (एलआर) को रद्द करवाने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

कांग्रेस ने इस मसले को लेकर सीधा प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के उद्योगपति दोस्त गौतम अदाणी के इसमें शामिल होने के कारण वे चुप हैं।

इससे पहले सिंगापुर की एक अदालत ने कोयला आयात से संबंधित कागजात पेश करने पर रोक की मांग करते हुए दायर अदाणी ग्लोबल की याचिका को ठुकरा दिया था। इसके बाद समूह ने 28 अगस्त को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।

डीआरआई का आरोप है कि कंपनियों ने विदेशों में पैसे की हेराफरी करने और उच्च बिजली शुल्क मुआवजा पाने के लिए इंडोनेशिया से आयातित कोयले का दाम बढ़ा दिया।

रमेश ने कहा, अक्टूबर 2014 में डीआरआई ने कोयला आयात में बड़े घोटाले की घोषणा की और कोयला आयात का बिल बढ़ाकर ज्यादा करने की जांच शुरू की गई। 31 मार्च, 2016 में डीआरआई ने एक नया बयान दिया कि इस घोटाले में 40 कंपनियां शामिल हैं। इसमें 29,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।

वकील प्रशांत भूषण द्वारा संचालित एक एनजीओ ने सितंबर 2017 में दिल्ली उच्च न्यायाल में एक जनहित याचिका दायर की थी और मामले की एसआईटी से जांच करवाने की मांग की थी।

रमेश ने कहा, नौ मार्च, 2018 को डीआरआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमे में कहा कि एसआईटी से जांच की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह 40 कंपनियों की जांच कर रहा है, जिसमें चार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि जिन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था, वे गौतम अदाणी, अनिल अंबानी और एस्सार ग्रुप की कंपनियां हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, हमारे देश में 70 फीसदी कोयले का आयात अदाणी ग्रुप की कंपनियों द्वारा किया जाता है।

रमेश ने कहा, अदाणी ग्रुप ने सिंगापुर की अदालत में याचिका दायर करके गुहार लगाई कि इस मसले पर सिंगापुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जो दस्तावेज हैं, वह भारत सरकार को नहीं दिया जाए।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया (अब वित्त सचिव) ने एसबीआई की चेयरमैन अरुं धति भट्टाचार्य को 20 मई, 2016 को पत्र लिखा था कि वे दस्तावेज डीआरआई को दिया जाए, ताकि जांच पूरी हो सके। कांग्रेस नेता ने कहा, चार दिन बाद अधिया को जवाब मिला कि दस्तावेज नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह सिंगापुर के कानून के विरुद्ध है।

 

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

Continue Reading

Trending