प्रादेशिक
CMS में सीएम योगी ने 9 महिलाओं को किया देवी अवार्ड से सम्मानित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर विस्तार स्थित सीएमएस स्कूल में देवी अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्य अतिथि इस समारोह में शिरकत की। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर सीएम योगी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली 9 महिलाओं को देवी अवार्ड से सम्मानित किया। योगी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में अच्छा काम करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। इस प्रकार के सम्मान देने से लोगों मे स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा होगी और वे बेहतर काम करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
योगी ने कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। भारत के हर संवैधानिक पद पर मातृशक्ति ने अपनी प्रतिभा के माध्यम से बहुत से अच्छे उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। अगर आज आप देखेंगे तो केंद्र सरकार के विभिन्न पदों पर या विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं पर चाहे वो लोकसभा की अध्यक्ष के रूप में सुमित्रा महाजन का उदाहरण हो, देश की विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का या फिर देश की रक्षामंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण का उदाहरण हो। हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी प्रतिभा दिखाते हुए पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि देश के छह राज्यों में गवर्नर के रूप में महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं। योगी ने कहा कि आपने एशियन गेम्स के परिणाम देखे होंगे जिसमें कई लड़कियों ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है। इतना ही नहीं, प्रदेश की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट जैसी परीक्षाओं में भी लड़कियों का पासिंग पर्सेंटेज अधिक है। मेरिट में भी छात्राओं का स्थान ऊपर है। इस सन्दर्भ में उन्होंने प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों सोनभद्र व चन्दौली में अपने हाल के भ्रमण की चर्चा करते हुए कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान उन्हें कक्षाओं में छात्राओं की उपस्थिति अधिक मिली।
योगी ने कहा कि महिलाओं की जागरूकता, स्वावलम्बन और उन्हें सभी सुविधाओं को समान रूप से प्रदान करने के लिए समाज व परिवार को आगे आना होगा। यदि सभी महिलाओं में जागरूकता आ जाए, तो समस्त क्षेत्रों में उन्नति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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