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प्रादेशिक

मुन्ना बजरंगी हत्याकांडः नहीं हुई थी बरामद पिस्टल से हत्या, सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन

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मुन्ना बजरंगी

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बागपत। पूर्वांचल के कुख्यात बदमाश मुन्ना बजरंगी की हत्या की गुत्थी सुलझने की जगह और उलझती जा रही है। शुक्रवार को इस हत्याकांड में नया मोड़ तब आ गया जब जांच में यह खुलासा हुआ कि हत्या के बाद गटर से जो पिस्टल बरामद की गई थी उससे हत्या नहीं हुई। विधि विज्ञान प्रयोगशाला  की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या के आरोपी सुनील राठी ने जिस पिस्टल से मुन्ना की हत्या का दावा किया था उस पिस्टल से गोली ही नहीं चली थी।

प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट आने के बाद से अब पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने शुरु हो गए हैं। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड को हुए दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी कोई सुराग नहीं लग सका है। इन दो महीनों में पुलिस सौ से अधिक अधिकारियों, नेताओं और बंदियों के बयान दर्ज कर चुकी है, लेकिन आज तक भी वह बजरंगी की हत्या के कारणों का पता नहीं लगा सकी है।

आपको बता दें कि पूर्वांचल के कुख्यात बदमाश मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई को बागपत की जिला जेल में गोलियों से भुनकर हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या करने का जुर्म वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश सुनील राठी ने स्वीकारा था। तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने तभी सुनील राठी के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

इस मुकदमे के साथ ही बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने भी एक तहरीर पुलिस को दी थी, जिसमें पूर्वांचल के सफेदपोशों, अधिकारियों, ठेकेदारों और बदमाशों पर पति की हत्या कराने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस तहरीर को भी मुकदमे की विवेचना में शामिल कर लिया था। इस मामले में विवेचक प्रभारी निरीक्षक खेकड़ा एसपी सिंह का कहना है कि मुकदमे की विवेचना निष्पक्ष चल रही है। जो भी तथ्य सही होंगे, उनके मुकदमे में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि बजरंगी हत्याकांड की जांच पर इन दो महीनों में कई बार ब्रेक लग चुका है।

शिवानी हत्याकांड की वजह से मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच एक बार फिर रुक गई है। पुलिस का कहना है कि उनकी प्राथमिकता शिवानी के हत्यारों को पकड़ने की है। जल्द ही, उन्हें दबोच लिया जाएगा। इसके बाद बजरंगी हत्याकांड की जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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