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प्रादेशिक

जंतर-मंतर पर अखिलेश को आशीर्वाद देने पहुंचे मुलायम, खोखले निकले शिवपाल के दावे

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मुलायम

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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में हैसियत घटने से नाराज शिवपाल यादव ने हाल ही में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाकर सबको चौंका दिया था। मोर्चा बनाने के बाद शिवपाल ने यह दावा किया था कि मुलायम सिंह यादव भी उनके साथ हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मुलायम सिंह यादव को 2019 लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से अपनी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर भी दिया था। लेकिन अब उनके ये दावे खोखले साबित हो गए। मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे की हवा निकालते हुए अखिलेश यादव को अपना आशीर्वाद देने जंतर-मंतर पहुंचे।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर साइकिल रैली के जरिए चुनाव 2019 के प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस दौरान पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव के साथ नहीं बल्कि अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ दिखे।  मुलायम सिंह का इस तरह अखिलेश यादव की साइकिल रैली में शामिल होना, एक तरह से शिवपाल समेत सपा कैडर को पूरी तरह से साफ संदेश है कि वह किस तरफ खड़े हैं।

मुलायम ने अपने इस कदम से एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला यह कि जिस समाजवादी पार्टी को उन्होंने अपने खून पसीने से सींचकर देश की सियासत में समाजवादियों की शानदार बढ़त बनाई है। उसे कभी कम नहीं होने देंगे। दूसरा तीर यह कि अमर सिंह के दबाव में शिवपाल सिंह के द्वारा बनाये गए मोर्चे से उनका कोई नाता नहीं है। इस बार मुलायम ने धोबीपाट दांव से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के विरोधियों को चित कर दिया। उन्होंने संकेत दिया कि फ़िरकापरस्त ताकतों से लड़ने में उनके बेटे और सपा मुखिया अखिलेश यादव ही सक्षम हैं।

आम चुनाव में जाने से पहले मुलायम के इस कदम से समाजवादियों में पनप रहा भ्रम समाप्त हो गया है। सपा की राजनैतिक जमीन मज़बूत हुई है। जंतर-मंतर पर उमड़े जनसैलाब से मुलायम आज गद्गद दिखे। मुलायम के मंच पर पहुंचने पर अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव और एमएलसी संतोष यादव सनी ने उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। 2019 के आम चुनाव से पहले समाजवादियों की ललकार से  लुटियन्स जोन्स के गलियारे गूंज उठे। जंतर-मंतर को जाने वाले सभी रास्तों पर लाल टोपी पहने समाजवादी दिखाई दिए। सपा सुप्रीमो के भाषण के बीच बीच मे समाजवाद के नारे गूंजते रहे।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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