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प्रादेशिक

मेरे लिए पाक कला है खुदा : विजय शर्मा

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रायपुर/बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिला निवासी विजय शर्मा ने स्टार प्लस चैनल पर प्रसारित हो रहे रियलिटी शो ‘अमूल मास्टर शेफ’ में शीर्ष छह में जगह बना ली है। इसमें देशभर से करीब 65 प्रतिभागियों के बीच कांटे का मुकाबला हुआ है।

विजय ने पाक कला में यह महारथ बलौदा बाजार बस स्टैंड स्थित पिता के ढाबे में खाना बनाकर हासिल की। आज उन्होंने पूरे भारत में अपनी पहचान बनाने के साथ ही छत्तीसगढ़ को भी गौरवान्वित किया है। छत्तीसगढ़ वासियों को पूरी उम्मीद है कि विजय रियलिटी शो के विजेता बनेंगे।

वीएनएस ने विजय से एक विशेष बातचीत में उनकी जिंदगी के कुछ अनछुए पहलू सामने लाने की कोशिश की। पेश है, इस बातचीत के कुछ अंश :

ढाबे पर पिता का हाथ बंटाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कारोबार से जुड़ जाने के बाद अचानक ‘अमूल मास्टर शेफ’ का रुख करने की कोई खास वजह?

जवाब में विजय ने कहा, “ढाबे पर खाना बनाकर लोगों को खिलाने में मुझे बहुत सुकून मिलता था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने के इरादे से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कारोबार से जुड़ना पड़ गया। मेरी बचपन से तमन्ना रही है कि मैं लजीज व्यंजनों से अपनी विशिष्ट पहचान बनाऊं और अपने खानदानी पेशे (खाना बनाना) को नई ऊंचाई पर ले जाऊं।”

आपका अब तक का सफर कैसा रहा है?

उन्होंने कहा, “उतार-चढ़ाव के साथ सफर लगातार जारी है। मुश्किल समय हमें सीख दे जाता है। मैंने कड़वाहट नहीं, बल्कि सीख को पाला है। कशमकश से शुरू हुआ यह सफर मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है। ‘मास्टर शेफ’ ने मुझे पूरे देश में पहचान दिलाई है।”

आपकी नजर में शो में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

इसके जवाब में विजय ने कहा, “मास्टर शेफ’ में रोज ही एक चुनौती होती है, क्योंकि यह मंच ही कुछ ऐसा है।”

बचपन के सपने को लेकर इस शो में पहुंचे विजय ने बताया, “मैं यहां कुछ सपने साथ लेकर आया था। अब मुझे उन सपनों को पूरा करना है। बचपन से संजोकर रखे सपने को पूरा करना है।”

आपको अब इलेक्ट्रीशियन बनना है या शेफ?

आंखों में चमक लिए विजय ने कहा, “खाना मेरे लिए खुदा है। यह मेरे खून में है। इलेक्ट्रीशियन तो हालात ने बनाया था।”

भविष्य में रेस्तरां खोलने की हसरत रखने वाले विजय ने कहा, “मैं एक रेस्तरां अवश्य खोलूंगा। शुरुआत अपने शहर से करूंगा, फिर उसके जरिए पूरे हिन्दुस्तान को प्यार परोसूंगा।”

शो में हारने का डर नहीं लग रहा?

जवाब में उन्होंने कहा, “चुनौतियों का सामना किए बिना लक्ष्य हासिल नहीं होता। मेरा लक्ष्य ही मेरा पड़ाव है। हार की तरफ मेरी सोच नहीं जाती, क्योंकि मेरे नाम के साथ ही विजय जुड़ी हुई है।”

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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