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ऑफ़बीट

हेयरकट के बाद मसाज कराना पड़ सकता है भारी, वेंटिलेटर पर गुजारनी पड़ सकती है जिंदगी

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मसाज

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नई दिल्ली। बाल कटवाने के बाद आपने भी कई दफा नाई से मसाज कराया होगा। अगर कराया है तो खबर आपके लिए ही है। नाई से मसाज कराना जिंदगी के लिए कितना खतरनाक हो सकता है ये जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यही मसाज आपको जीवन भर के लिए वेंटिलेटर पर पहुंचा सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली के रहने वाले अजय नाम के एक शख्स के साथ। छुट्टी के दिन अजय हेयर काट करवाने सैलून पहुंचे। हेयर काट के बाद अजय ने नाई से गर्दन का मसाज करने को कहा।

मसाज के बाद उन्हें अच्छा महसूस हुआ लेकिन थोड़ी देर बाद ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद वह सीधे डॉक्टरों के पास पहुंचे जहां उनके एक के बाद एक कई टेस्ट हुए। टेस्ट में पता चला कि मसाज ने उनकी फ्रेनिक नस को नुकसान पहुंचाया जो डायफ्राम को कंट्रोल करती है और यही डायफ्राम हमारी सांस को नियंत्रित करता है।

मेदांता अस्‍पताल के एक सीनियर डॉक्‍टर ने बताया कि अजय के डायफ्राम को लकवा मार गया है और अब उन्‍हें अपनी पूरी जिंदगी वेंटिलेटर पर रहना होगा क्योंकि यह नस अपने आप ठीक नहीं हो पाती है। उनके मुताबिक, ‘हेयर कट के बाद नाई जो गर्दन की मसाज और नेक क्रैक करते हैं उससे गर्दन के जोड़ों, आसपास के टिश्‍यू, मांसपेशियों और नसों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। यहां तक कि डायाफ्राम को लकवा भी हो सकता है। वैसे यह हादसा हर उस शख्‍स के साथ हो सकता है जो हेयरकट के बाद मसाज करवाने का शौक रखता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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