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प्रादेशिक

लखनऊ के ज्वेलर को उठा ले गई विदेशी पुलिस, CCTV में कैद हुई घटना

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लखनऊ

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लखनऊ। विवेक तिवारी हत्याकांड और ठाकुरगंज इलाके में दो सगे भाइयों की हत्या के बाद यूपी की राजधानी लखनऊ में अपराध का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस बार भी यह अपराध पुलिस के द्वारा ही हुआ है लेकिन यह पुलिस भारत की नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल की है।

किशोरीलाल सोनी नाम के 65 वर्षीय ज्वेलर को 28 सितंबर की शाम तब अपहरण कर लिया गया जब वह अपनी दुकान बंद कर वापस लौट रहे थे। घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ युवक उन्हें ज़बरदस्ती स्विफ्ट कार में बिठाकर ले जाते दिख रहे हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि उन्हें नेपाल ले जाया गया है जहां उन्हें पुलिस की हिरासत में रखा गया है। पुलिस को ये भी पता चला है कि उनका अपहरण करने वाले अपराधी नहीं बल्कि नेपाल पुलिस के जवान थे।

पुलिस के मुताबिक, उन्हें 28 सितंबर को किडनैप किया गया था। मामले की जांच की जा रही है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि 29 सितंबर को मड़ियांव में किडनैपिंग के लिए आईपीसी की धारा 364 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि नेपाल पुलिस के अनुसार, 2004 में उस ज्वेलर की बेटी का विवाह नेपाल में हुआ था, उसी साल नेपाल के नवदीप ज्वेलर्स में चोरी की वारदात हुई थी। इसी सिलसिले में उसे नेपाल में हिरासत में लिया गया है। कलानिधी नैथानी ने कहा कि नेपाल मित्र देश है, लेकिन उन्हें भारत से किसी भी व्यक्ति को पकड़ने के लिए निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए थी। नेपाल पुलिस ने न ही भारतीय दूतावास को सूचना दी और न ही स्थानीय स्तर पर पुलिस से संपर्क किया।

वहीँ इस मामले में किशोरीलाल के बेटे विकास सोनी ने कहा कि यूपी पुलिस ने मुझे नेपाल पुलिस का नंबर दिया। मैंने अपने पिता से बात की। उन्होंने मुझे फोन पर बताया कि मुझे मेरे दुकान के बाहर से किडनैप किया गया, लेकिन उन्हें अभी सही से नहीं पता है कि वे किस जगह पर हैं। यूपी पुलिस ने मुझसे कहा कि नेपालगंज में एक बहुत ही पुराने चोरी और हत्या से संबंधित मामले को लेकर पूछताछ के लिए किडनैप किया गया है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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