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नेशनल

लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को लगा एक और झटका, इस बड़े नेता ने किया चुनाव लड़ने से इंकार

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महागठबंधन

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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने दो दिन तक चली एनसीपी नेताओं की बैठक में 2019 में लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक शरद पवार चुनाव न लड़कर युवा नेताओं को मौका देना चाहते हैं।

पवार के इस फैसले के बाद से एनसीपी को तो झटका लगा ही है साथ ही महागठबंधन के लिए एकजुट हो रहे विपक्षी दलों को भी तगड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि हाल ही में पवार ने विपक्ष को महागठबंधन का फॉर्मूला सुझाया था।

उनके इस फॉर्मूले के मुताबिक सभी विपक्षी दलों को मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए इस बाद परिणाम के मुताबिक प्रधानमंत्री पद के लिए नेता का चुनाव करना चाहिए।

पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र अह्वाड ने बैठक के बारे में पत्रकारों को बताया कि पार्टी नेताओं ने पवार से आगे भी चुनाव लड़ने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने नकार दिया। पवार से पुणे से लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग की गई थी।

चुनाव न लड़ने का फैसले के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘पवार साहब हमारे सुप्रीम लीडर हैं। वे 78 साल के हो चुके हैं और उन्हें लगता है कि आगे अब चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

पुणे में कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और स्पष्ट कर दिया कि किसी और उम्मीदवार को आगे लाना चाहिए।’

शरद पवार फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और आगे भी रहने की संभावना है। एनसीपी की बैठक इसलिए आयोजित की गई थी ताकि आम चुनाव में संसदीय सीट पर उम्मीदवारों का फैसला किया जा सके।

पवार भी बैठक में मौजूद थे और उन्होंने उन सभी 21 सीटों की समीक्षा की जिसपर 2014 में पार्टी ने चुनाव लड़ा था। साल 2014 के संसदीय चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों पर कांग्रेस ने 27 और एनसीपी ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनसीपी को 4 सीटों पर और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

पवार लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वे 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पीवी नरसिंहराव की सरकार में रक्षा मंत्री और मनमोहन सिंह की सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं।

दिलचस्प बात ये है कि पवार कई बार कांग्रेस को समर्थन दे चुके हैं जबकि उन्होंने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर पार्टी छोड़कर नई पार्टी एनसीपी बनाई थी।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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