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आध्यात्म

नवरात्र स्पेशल : सिर्फ इस महामंत्र के जाप से हो जाएंगी देवी की सिद्धि

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नवरात्रि हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार है। नवरात्रि के नौ दिनों के इस पर्व के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का ज्यादा महत्व होता है। माना जाता है इस महीने से शुभता और ऊर्जा का आरंभ होता है और ऐसे समय में पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के बाद व्रत को खोला जाता है। नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूप को पूजा जाता है। मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं।

आज हम आपको एक ऐसा महामंत्र बताएंगे, जिससे इस नवरात्र आपके हर बिगाड़े हुए काम बन जाएंगे। नवरात्र में माता की पूर्ण भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करने से हर संकट-बाधा दूर हो जाएगी। नवार्ण मंत्र का रोजाना पूजा के दौरान जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं कि नवार्ण मंत्र क्या है।

नवार्ण मंत्र- ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे:

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व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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