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खेमका ने तबादले को बताया तकलीफदेह, समर्थन में उतरे खट्टर सरकार के मंत्री

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चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा अचानक से तबादला किए जाने के एक दिन बाद हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने गुरुवार को ट्वीट किया कि यह कार्रवाई पीड़ादायक है। खेमका ने अपने ट्वीट में कहा, “तमाम कमियों के बावजूद मैंने परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त करने और बदलाव लाने की कोशिश की। ये क्षण मेरे लिए बहुत तकलीफदेह है।” वहीं हरियाणा में स्पष्टवादी नेता की छवि रखने वाले और खट्टर सरकार में स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज खेमका के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि वह खेमका के तबादले के बारे में सीएम से बात करेंगे।

खट्टर सरकार ने खेमका को बुधवार को एक बार फिर महत्वहीन पद दिया है। खेमका की 24 साल की नौकरी के दौरान यह उनका 46वां तबादला है। खेमका के तबादले को हरियाणा के शक्तिशाली ट्रांसपोर्टरों की लॉबी से जोड़ा जा रहा है, जिनके लिए खेमका ने कुछ सख्त फैसले लिए थे। खेमका के नेतृत्व में हरियाणा के परिवहन विभाग ने हाल ही में लंबी ढांचे वाले ट्रेलरों को बिना अनुमति के चलाने पर रोक लगा दी थी। विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें कहा गया था कि सभी भारी वाहनों को सड़कों पर परिचालन के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र लेने से पहले वाहनों के आयामों पर नए मानदंडों का पालन करना होगा। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में तकरीबन 3.5 लाख वाणिज्यिक वाहन चलते हैं।

आईआईटी खड़गपुर से स्नातक खेमका को नए आदेश के मुताबिक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सचिव और महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पद को वस्तुत: ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है। पिछले साल मनोहर लाल खट्टर द्वारा मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उन्हें परिवहन विभाग का परिवहन आयुक्त और सचिव नियुक्त किया गया था। खेमका ने ही केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की करोड़ों रुपयों के भूमि सौदे का खुलासा किया था। इसे लेकर हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार पर चौतरफा हमले हुए और तब भाजपा ने खेमका का खुलकर समर्थन किया था। पर अब वर्तमान खट्टर सरकार ने खेमका का ट्रांसफर कर आश्चर्यजनक फैसला लिया है। इस ट्रांसफर की वजह पिछले दिनों कैग रिपोर्ट के बाद खेमका के एक ट्वीट को माना जा रहा है। खेमका ने ट्वीट में वाड्रा-डीएलएफ डील में चार्जशीट का दंश झेलने के साथ-साथ कहा था कि कैग रिपोर्ट में अभी भी बहुत से अनछुए पहलू रह गए हैं।

उनके इन ट्वीट को सरकार ने गंभीरता से लिया था। इस मुद्दे पर सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि खेमका ने वाड्रा-डीएलएफ मामले में केवल अपनी ड्यूटी निभाई थी, कोई अनूठा काम नहीं किया था। हालांकि सीएम ने यह भी कहा था कि वे किसी ईमानदार अफसर को तंग नहीं होने देंगे और भ्रष्टाचार के मामले में उनकी सरकार जीरो टोलरेंस नीति पर काम करेगी। हालांकि अब उनका ट्रांसफर कर सरकार ने विपरीत रुख अपनाया है।

भाजपा सरकार में भी ट्रांसफर झेलने वाले खेमका इस फैसले से खुद हैरान हैं। खेमका ने अपने तबादले पर अफसोस जताते हुए ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा है कि अनगिनत बाधाओं और सीमाओं के बावजूद ट्रांसपोर्ट में सुधार लाने और करप्शन को मिटाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। जो हुआ है वो दर्दनाक है।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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