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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी अदालत ने योग को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया

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वाशिंगटन| प्राथमिक विद्यालयों में सिखाया जा रहा योग हिंदुत्व की तरफ बढ़ने का मार्ग नहीं है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन भी नहीं होता। कैलिफोर्निया की एक अदालत ने योग को विद्यालयों में जारी रखने की अनुमति दी है।

तीन सदस्यीय अपीली अदालत ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, “हमने यह निष्कर्ष निकाला है कि यह कार्यक्रम धर्मनिरपेक्ष है। इसका धर्म को बढ़ावा देने या उल्लंघन करने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।”

वेबसाइट यूटीसैनडियागो डॉट कॉम के मुताबिक, “कैलिफोर्निया की चौथी जिला अदालत ने सैनडियागो के एनसिनिटास यूनियन एलीमेंट्री स्कूल डिस्ट्रिक्ट के समर्थन में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।”

इस स्कूल पर बच्चों के परिजनों ने यह कहकर मुकदमा दायर कर दिया था कि यह योग कार्यक्रम पूरी तरह से आध्यात्मिक और असंवैधानिक है।

इस मुकदमे में परिजनों की पैरवी कर रहे अटॉर्नी डीन ब्रॉयलस ने कहा कि वह और उनके मुवक्किल इस फैसले से निराश है और हम सावधानीपूर्वक अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

ब्रॉयलस ने यू-टी सैनडियागो को भेजे ईमेल में कहा, “पिछले 50 सालों में किसी भी अदालत ने सार्वजनिक स्कूलों में बच्चों को हिंदू पूजा पद्धति, सिर झुकाने या सूर्य भगवान की वंदना जैसे औपचारिक धार्मिक रीति-रिवाजों को करने की अनुमति नहीं दी।”

साल 2012 से स्कूल डिस्ट्रिक्ट में योग एक स्वास्थ्य-कल्याण व्यायाम रहा है। लेकिन सोमिना फाउंडेशन ने योग को शारीरिक शिक्षा की सभी कक्षाओं में शामिल करने के लिए डिस्ट्रिक्ट को 20 लाख डॉलर दिए।

ब्रॉयल्स ने एक जोड़े और उनके बच्चों की तरफ से डिस्ट्रिक्ट स्कूल पर मुकदमा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि अष्टांग योग में हिंदू धर्म की मान्यताओं को प्रचारित किया गया है, जिससे यह कार्यक्रम ‘सेपरेशन ऑफ चर्च एंड स्टेट’ के नियमों का उल्लंघन है।

निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि डिस्ट्रिक्ट की योग कक्षाओं में योग की क्रियाएं, श्वास लेना, विश्राम और सम्मान व सहानुभूति जैसे सकारात्मक चारित्रिक गुण शामिल हैं।

डिस्ट्रिक्ट अधीक्षक टिम बेयर्ड का कहना है कि स्कूल डिस्ट्रिक्ट के अधिकारियों को हमेशा ही अपने पक्ष में फैसले का अनुमान था और हम खुश हैं कि वास्तव में हमारे पक्ष में फैसला सुनाया गया है।

डिस्ट्रिक्टि के सभी छात्रों की प्रति सप्ताह 30 मिनट या इससे अधिक अवधि की दो योग कक्षाएं होती हैं। इसमें छठी कक्षा तक के किंडरगार्डन स्कूल भी शामिल हैं।

बेयर्ड ने कहा, “हमें अभूतपूर्व नतीजे मिल रहे हैं। बच्चे अब अधिक फुर्तीले, मजबूत हो गए हैं और उनमें एकाग्रता बढ़ी है। हम समझते हैं कि योग 21वीं सदी की कुंजी है।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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