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करियर बनाने के चक्कर में अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं, तो जान लिजिए परिणाम

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मौजूदा समय में बहुत सारी महिलाएं करियर ओरिएंटेड हो गई हैं। ऐसी कई स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारियां पीछे छूटती दिखाई दे रही हैं।करियर के मोर्चे पर महिलाओं का तेजी से उभार जहां एक तरफ अपने पुरुष प्रतिस्पिर्धियों से उन्हें आगे करता है, तो दूसरी तरफ इसका असर महिलाओं की शादी व दूसरी सामाजिक जिम्मेदारियों पर पड़ता है।

आज की महिला सबल व सशक्त है। अपने करियर को भी प्राथमिकता देना उसका ध्येय है। लेकिन यह भी सच है कि स्त्री रिप्रोडक्टिव एज व बॉयोलॉजिकल टाइम क्लॉक भी निश्चित है। इसलिए दोनों चीजों में तालमेल बैठाकर रखना बेहतर है। एक तरफ अपना स्वतंत्र जीवन व दूसरी तरफ अपनी फैमिली लाइफ को पूरा करना ही उसे कंप्लीट वूमेन होने का एहसास देगा। इसलिए दोनों में तालमेल बैठाकर चलना ही होगा।

आज की महिलाएं जिस तरह अपने करियर और एपियरेंस वगैरह को लेकर जागरूक हैं, उसी प्रकार उन्हें अपने शारीरिक व्यायाम और रोज के खाने-पीने का भी ध्यान रखना चाहिए। बाहर का फास्ट फूड या कम खाना खाने से न सिर्फ मल्टिपटल इफिसिएंयसीज होती हैं, बल्कि उनके हानिकारक तत्व ओवरी के लिए भी व फर्टिलिटी के लिए भी नुकसानदायक है। इसलिए महिलाओं को नियमित व्यायाम, फल, हरी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स वगैरह का सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहिए।

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देर से गर्भधारण से चुनौतियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में कुछ बीमारियों का पनपना भी लाजिमी है, जिसमें डायबिटिज, हाई बीपी, थायरॉइड वगैरह और कुछ प्री इग्जिस्टिंग (पहले से मौजूद) कंडीशंस क्रॉनिक हो जाती हैं। एजिंग उसाइट्स भी एक कारण है। बढ़ती उम्र में गर्भधारण से अबॉर्शन रेट भी बढ़ जाता है।महिलाओं को नियमित व्यायाम और फ्रेश कूक्ड खाना और मौसमी फल आदि लेने चाहिए व प्रोसेस्ड फूड व डाइटिंग से बचना चाहिए।

ऐसा जटिलताओं की वजह से हो सकता है व सबसे जरूरी बात यह कि अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ पर विश्वास हो। अगर महिला इन बातों का पालन करती है तो उसे सी-सेक्शन होने के चांसेज उतने ही कम हो जाते हैं। हां, आजकल महिलाओं में दर्द सहन करने की क्षमता भी कम हो रही है, जिससे इस तरह की सर्जरी को बल मिल रहा है।

सरकार की मातृत्व सुरक्षा योजनाएं महिलाओं के लिए लाभकारी हैं, खासतौर से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए और आशा कार्यकर्ताओं का बहुत ही पॉजिटिव रोल है। महिलाओं को उनके स्वास्थ्य व गर्भावस्था को लेकर जागरूक करने में इन योजनाओं का खासा लाभ मिला है। इन योजनाओं से न सिर्फ प्रेग्नेंसी, बल्कि डिलिवरी भी सुरक्षित हो रही है और मातृ मृत्युदर व प्रसवकालीन मृत्युदर (मैटरनल मोर्टिलिटी एंड पेरिनेटल मोर्टिलिटी) भी काफी कम हो जाती है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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