Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

‘न्यायेतर हत्याओं’ की सीबीआई जांच की मांग

Published

on

'युनाइटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी', तेलंगाना सरकार, एमआईएम, सीबीआई, टीआरएस, असदुद्दीन ओवैसी

Loading

हैदराबाद| मुस्लिमों संगठनों के एक समूह ‘युनाइटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी’ ने बुधवार को तेलंगाना सरकार से मांग की कि वह कथित पुलिस मुठभेड़ में पांच विचाराधीन कैदियों के मारे जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए। कमेटी ने कथित मुठभेड़ को ‘सोची-समझी हत्या’ बताया है। उसने मामले की जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से कराने की मांग को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव और राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन से मिलने का फैसला किया है। कमेटी ने मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के मुख्यालय दारुस्सलेम में बैठक बुलाई।

कमेटी के प्रमुख अब्दुल रहीम कुरैशी ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने पिछले सप्ताह आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में आतंकवादियों द्वारा चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने और पुलिस द्वारा पांच विचाराधीन कैदियों व 20 लकड़हारों को मारे जाने की निंदा की है। कमेटी ने कहा कि उसे पुलिस जांच में यकीन नहीं है, इसलिए मामले की जांच स्वतंत्र रूप से कराने की जरूरत है। पुलिस का दावा है कि उन विचाराधीन कैदियों ने पुलिस से हथियार छीने थे। युनाइटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी ने पुलिस के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कैदियों को हथकड़ी लगी थी और वे पुलिस के वाहन में जंजीरों से बंधे थे, ऐसे में वे हथियार छीनने की स्थिति में कतई नहीं थे।

एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी चाहते हैं कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार इस मुठभेड़ पर अपना पक्ष रखे। ओवैसी हैदराबाद से सांसद हैं। उनकी पार्टी टीआरएस की सहयोगी है। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी।” उन्होंने कहा, “हम सच को सामने लाना चाहते हैं। अगर आप इन न्यायेतर हत्याओं की इजाजत देते हैं, तो इससे हमारे समाज में अराजकता और अशांति जन्म लेगी।”

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending