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आपातकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस के इस कदम ने इंदिरा के नाक में कर दिया था दम!

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नई दिल्ली। बीजेपी सरकार के पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार की सुबह 88 साल की उम्र में निधन हो गया। जॉर्ज लंबे समय से अल्जाइमर से पीड़ित थे।

इस बीमारी की वजह से उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता था। जॉर्ज का आखिरी कार्यकाल राज्यसभा सांसद के तौर पर अगस्त 2009 से जुलाई 2010 के बीच था। जॉर्ज के निधन पर कई राजनीतिक दलों ने शोक जताया है।

जॉर्ज को साल 1975 के आपातकाल की वजह से हमेशा याद किया जाएगा। जार्ज ने उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाक में दम कर दिया था।

उस समय जॉर्ज फर्नांडिस आपात्काल से पीड़ित लोगों के मसीहा बन कर उभरे थे। विकिलीक्स के खुलासा की मानें तो पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिज ने अपातकाल के विरोध में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ‘सीआईए’ और फ्रांस सरकार से आर्थिक मदद मांगी थी। जॉर्ज फर्नांडिज उस समय भूमिगत थे और सरकार विरोधी आंदोलन चला रहे थे।

1975 में तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगाया था, जिसके विरोधी में विपक्ष के सभी पार्टियों ने देशभर में आंदोलन छेड़ दिया था। जॉर्ज फर्नांडिज उस समय मजदूर नेता के रूप में उभरे थे। वे अमेरिकी सम्राज्यवाद और विदेशी पूंजी के घोर विरोधी रहे।

विकिलीक्स के दावे के मुताबिक, इमरजेंसी के दौरान फर्नांडिस सरकारी संस्थानों को डायनामाइट से उड़ाना चाहते थे। अमेरिका विरोध के बाद भी 1975 में जॉर्ज फर्नांडिज ने कहा था कि वे इसके लिए सीआईए से भी धन लेने के लिए तैयार हैं। दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी दैनिक द हिन्दू ने यह खबर प्रकाशित की थी।

द हिन्दू के मुताबिक, आपातकाल के विरोध में जॉर्ज तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार को गिराने के लिए आंदोलन चला रहे थे। विकिलीक्स के दस्तावेजों के मुताबिक, इस सिलसिले में उन्होंने फ्रांस सरकार के लेबर अटैशे मैनफ्रेड तरलाक से मुलाकात की थी और उनसे आर्थिक मदद मांगी थी।

फर्नांडिज ने शुरुआत में तरलाक के जरिए फ्रांस सरकार से मदद मांगी थी।  हालांकि फ्रांस ने मना कर दिया, इसके बाद उन्होंने तरलाक से कहा था कि वे सीआईए से इस बारे में बात करें। तब तरलाक ने उन्हें कहा था कि वे सीआईए में किसी को नहीं जानते।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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