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नेशनल

बंगाल छोड़, AAP की दिल्ली रैली में क्यों शामिल हुई ममता बनर्जी? जानिए वजह

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ममता बनर्जी

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली को लेकर काफी सक्रिय हो गयी है। इन दिनों ममता दिल्ली मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटी हैं। इसी कड़ी में ममता बुधवार को दिल्ली आई और जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (AAP) की रैली में शामिल हुईं। इसके बाद देर शाम NCP अध्यक्ष शरद पवार के घर पर हुई विपक्षी बैठक में भी शिरकत की। ममता की दिल्ली में बढ़ती सक्रियता से लेफ्ट यानी {CPM} काफी बेचैन नजर आ रहा है।

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी कारण बीजेपी पश्चिम बंगाल  में कांग्रेस और लेफ्ट को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर की पार्टी बन गयी है। पंचायत और उपचुनाव में भी बीजेपी के वोटों का ग्राफ बढ़ा है। इतना ही नहीं बीजेपी को खुद पर इतना भरोसा है की 2019 के लोकसभा चुनाव में सूबे की 48 संसदीय सीटों में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।

ममता बनर्जी ने दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर चुनावी रण में उतरने की बात कही। इतना ही नहीं उन्होंने  यह भी कहा कि विपक्ष के दल अगर मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो एनडीए {NDA} को सत्ता से हटाना आसान होगा। ममता ने कहा कि बंगाल में टीएमसी, माकपा और कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है। वही भाजपा, माकपा और कांग्रेस राज्य में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही हैं, उनके हिसाब से सभी विपक्षी पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है।

कांग्रेस और सीपीएम को लगता है कि ममता के बयान से पश्चिम बंगाल में टीएमसी विरोधी वोटों में ध्रुवीकरण होगा और इसका राजनीतिक फायदा बीजेपी को मिलेगा। ममता के बयान पर कांग्रेस और सीपीएम ने बुधवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में इससे पश्चिम बंगाल में उनकी (कांग्रेस और सीपीएम की) पर  बुरा असर पड़ सकता है।

वहीं सीपीएम समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने ममता पर आरोप लगाते हुए ये तक कह दिया कि पश्चिम बंगाल मे बीजेपी ममता के कार्यकाल में ही आगे बढ़ी है, ये टीएमसी और बीजेपी दोनों की मिलीभगत है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने भी लेफ्ट की हां में हां मिलाते हुए कहा कि एक तरफ ममता बीजेपी के खिलाफ लड़ने की बात कर रही हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी बंगाल में कांग्रेस जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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