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अन्तर्राष्ट्रीय

वैज्ञानिकों ने खोल दिया नर्क का दरवाजा, उठ रही हैं बेकाबू आग की लपटें!

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नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसी घटनाएं घटती हैं, जिसके आगे विज्ञान भी नत्मस्तक हो जाता है। ऐसी ही एक घटना के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

तुर्कमेनिस्तान के काराकुम रेगिस्तान में एक लंबे चौड़े गढ्ढे से भयानक आग की लपटें निकल रही हैं। यह रहस्यमई आग लगभग 47 सालों से इस गढ्ढे से निकल रही है। स्थानीय लोग इसे नर्क का द्वार कहते हैं।

दरअसल, साल 1971 में वैज्ञानिकों का एक दल प्राकृतिक गैस की खोज में तुर्कमेनिस्तान के काराकुम रेगिस्तान पहुंचा और वहां पर एक गड्ढा खोदा गया। गड्ढे के आसपास बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई गईं और जमीन के अंदर खुदाई शुरू की गई।

एक दिन अचानक यह हिस्सा भरभरा कर गिर गया जिसकी वजह से यहां 130 फीट चौड़ा और 60 फीट गहरा बड़ा गढ्ढा हो गया। इसके बाद वैज्ञानिकों ने सोचा कि इस गैस को जला दिया जाए तो कुछ दिनों बाद अपने आप ये गैस खत्म हो जाएगी और आग बुझ जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

ये गैस आजतक बिना बुझे जल रही है। स्थानीय सरकार ने इस गड्ढे को भरने की कई बार कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अब ये जगह लोगों के बीच काफी फेमस हो चुकी हैं। दूर-दूर से लोग इस नर्क के द्वार को देखने आते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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