नेशनल
ट्वीट करते समय पीएम मोदी से हो गई बड़ी चूक, विपक्ष के हंगामे के बाद सुधारनी पड़ी गलती
नई दिल्ली। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के कई इलाकों में आए आंधी-तूफान से मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है जबकि दर्जन भर लोग घायल है।
प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी संवेदना ट्वीट के जरिए व्यक्त की लेकिन ट्वीट करते समय उनसे एक बड़ी गलती हो गई जिसे राजनीतिक दिग्गज भुनाने में लग गए।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर घायलों के लिए दुख जताया और मुआवजे का भी ऐलान किया लेकिन उन्होंने ऐसा सिर्फ गुजरात के लिए किया।
Anguished by the loss of lives due to unseasonal rains and storms in various parts of Gujarat. My thoughts are with the bereaved families.
Authorities are monitoring the situation very closely. All possible assistance is being given to those affected.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2019
पीएम की इस बात को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैच कर लिया और ट्वीट के जरिए जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि मोदी जी आप देश के प्रधानमंत्री हैं न कि सिर्फ गुजरात के।
मोदी जी , आप देश के पीएम ना कि गुजरात के।
एमपी में भी बेमौसम बारिश व तूफ़ान के कारण आकाशीय बिजली गिरने से 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है।लेकिन आपकी संवेदनाएँ सिर्फ़ गुजरात तक सीमित ?
भले यहाँ आपकी पार्टी की सरकार नहीं है लेकिन लोग यहाँ भी बस्ते है।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 17, 2019
हालांकि, इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से अन्य राज्यों के लिए भी मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है।
सुबह करीब 11 बजे PMO की तरफ से ट्वीट आया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर समेत कई राज्यों में आंधी-तूफान की वजह से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त करता हूं। यहां भी मृतकों के परिवार को 2 लाख, घायलों को 50 हजार की मदद की जाएगी।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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