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नेशनल

एग्जिट पोल में बीजेपी+ को बहुमत देने पर उठे गंभीर सवाल, जानकर रह जाएंगे दंग

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नई दिल्ली। लोकसभा 2019 के अंतिम चरण के मतदान के बाद रविवार शाम चुनावी महासंग्राम खत्म हो गया। चुनाव खत्म होते ही टीवी चैनलों में सबसे पहले Exit Polls दिखाने की होड़ मच गई।

वोटिंग खत्म होने के बाद लगभग सभी बड़े चैनलों ने 542 लोकसभा सीटों के एग्जिट पोल दिखाने शुरू कर दिए। सभी एग्जिट पोल में एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटती दिख रही है जबकि कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े से कोसों दूर नजर आ रही है।

एग्जिट पोल के बाद जहां एक और बीजेपी और उसके सहयोगी दलों में खुशी की लहर है वहीं यूपीए और महागठबंधन (सपा-बसपा) इन एग्जिट पोल्स को नकारते हुए 23 मई का इंतजार कर रहे हैं।

सभी एग्जिट में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद इन सर्वे पर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या सभी एग्जिट पोल हमेशा सही साबित होते हैं? आज हम आपको इतिहास के कुछ एग्जिट पोल के बारे में बताएंगे जो पूरी तरह से गलत साबित हुए हैं।

साल 2004-2009 का एग्जिट पोल

2004  में लगभग सभी एग्जिट पोल में एनडीए को औसतन 255 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था जबकि यूपी  को 183 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई थी लेकिन ये सर्वे पूरी तरह से फ्लॉप रहा और एनडीए 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी जबकि यूपीए ने 222 सीटें हासिल की।

ठीक इसी तरह साल 2009 के भी एग्जिट पोल पूरी तरह गलत साबित हुए। इस पोल में एनडीए को 197 सीटें दी गई थी जबकि यूपीए को 199 लेकिन नतीजे सर्वे के उलट आए और यूपी ने 262 सीटें हासिल की। जबकि एनडीए का कुनबा 159 सीटों पर सिमट कर रह गया था।

विदेशों में भी फेल हो चुके हैं सर्वे

चुनावी सर्वे केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेल हो चुके हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए चुनाव इसका सबसे सटीक उदाहरण है।

सर्वे में दिखाया गया था कि लेबर पार्टी वहां आसानी से सरकार बना रही है जबकि हुआ ठीक इसका उल्टा। लिबरल-नेशनल गठबंधन ने नतीजे आने पर सबको चौंकाते हुए जीत दर्ज की।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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