अन्तर्राष्ट्रीय
इस कुर्सी पर बैठते ही लोगों की हो जाती है मौत, वजह जानकर कांप जाएंगे आप
नई दिल्ली। पूरे देश में सत्ता की कुर्सी पाने के लिए इन दिनों राजनीतिक दलों में जोड़-तोड़ का दौर जारी है। लेकिन सत्ता की कुर्सी से इतर आज हम आपको एक ऐसी कुर्सी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आपकी रुह कांप जाएगी। आपको जानकर हैरनी होगी कि एक ऐसी कुर्सी मौजूद है जिस पर बैठते ही लोगों की मौत हो जाती है।
यह कुर्सी इंग्लैंड में मौजूद है। थॉमस बस्बी नाम के एक शख्स को इस कुर्सी का मालिक कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बस्बी को ये कुर्सी इतनी प्यारी थी कि वो इस पर किसी को भी बैठने नहीं देता था।
कहा जाता है कि एक बार उसकी कुर्सी पर उसके ससुर बैठ गए तो उसने उनकी हत्या कर दी। कुर्सी के बारे में ये कहानी भी मशहूर है कि मरते वक्त उसने इस कुर्सी को श्राप दे दिया था कि जो भी इस पर बैठेगा वो मर जाएगा।
जिसके बाद इस श्रापित कुर्सी को दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एक पब में रखा गया। इतना ही नहीं इस कुर्सी को वहां पर हॉट सीट का नाम दिया गया। इसके बाद फिर इस पर बैठने वाले लोगों की मौत होने लगी।
कहते है जो व्यक्ति इस कुर्सी पर बैठता वो लौटकर अपने घर नहीं जा पाता। इस विषय पर जब विस्तार से चर्चा हुई तो पता चला कि इस पर बैठने से अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों का मानना है कि थॉमस बस्बी इस कुर्सी पर किसी को बैठते हुए आज भी नहीं देख पाते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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